22 सदस्यों को हाईकोर्ट ने दिये चुनाव लड़ने एवं मतदान करने के अधिकार
उज्जैन। सोसायटी फाॅर प्रेस क्लब के 22 अक्टूबर को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव से पूर्व 22 सदस्यों को मतदान से एवं चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया गया था जिस पर उच्च न्यायालय ने आदेशित करते हुए सभी प्रभावित पत्रकारों को चुनाव लड़ने एवं मतदान के अधिकार दिये हैं।
माननीय इंदौर हाईकोर्ट की माननीय न्यायमूर्ति वंदना कसरेकर ने 21 अक्टूबर को दिये निर्णय में सभी प्रभावित पत्रकारों को मतदान एवं चुनाव लड़ने के योग्य माना एवं इंदौर के वकील मुख्य चुनाव अधिकारी अनिल नायडू को इन सभी सदस्यों को चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा दिलाने के लिए आदेशित किया है। याचिकाकर्ता पत्रकार शैलेन्द्र कुल्मी ने पिछले दिनों मतदाता सूची में सभी 22 पत्रकारों का नाम न होने पर आपत्ति दर्ज कराई थी और उन्हें संस्था से अवैधानिक तरीके से बाहर करने पर फम्र्स सोसायटी रजिस्ट्रार भोपाल में अपील की थी जिस पर रजिस्ट्रार ने पत्रकारों के पक्ष में निर्णय दिया था लेकिन इसके बावजूद चुनाव अधिकारी ने उक्त आदेश को नहीं माना और सभी सदस्यों को चुनाव से वंचित रखा। जिस पर माननीय इंदौर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। इस संबंध में मुख्य चुनाव अधिकारी को आवेदन दिया गया है कि वे चुनाव कार्यक्रम फिर से घोषित करें ताकि सभी प्रभावित पत्रकार चुनाव लड़ सकें। सोमवार की रात्रि में पत्रकारों ने सोसायटी फाॅर प्रेस क्लब के तरणताल स्थित आॅफिस पर पहुंचकर नोटिस एवं हाईकोर्ट के आदेश की प्रतिलिपि चस्पा की एवं चुनाव अधिकारी अनिल नायडू को वाट्सएप एवं ईमेल भी किया।
22 सदस्यों को हाई कोर्ट ने दिए चुनाव लड़ने व मतदान के अधिकार.....मामला सोसाइटी फ़ॉर प्रेसक्लब उज्जैन का