परिवहन मंत्रालय दे चुका है सहमति परिवहन मंत्रालय पहले ही कह चुका है डिजिलॉकर और एमपरिवहन एप पर मौजूद दस्तावेज की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी को वैध माना जाएगा। केंद्र सरकार ने राज्यों के परिवहन विभागों और ट्रैफिक पुलिस को इस संबंध में निर्देश देते हुए कहा था कि वे सत्यापन के लिए दस्तावेजों की ऑरिजिनल कॉपी न लें। MV Act: नियम तोड़ने पर पुलिस ने नहीं पकड़ा तो खुश न हों, घर पहुंचने वाला है चालान एक सितंबर से लागू हुआ है नया मोटर व्हीकल एक्ट 2019 गौरतलब है कि एक सितंबर से लागू नए नियम के तहत हेलमेट नहीं पहनने या सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा जो कि पहले 100 रुपये था जबकि बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने वालों पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या तीन महीने की जेल हो सकती है।
खरगोन (निप्र)। भारतीय शिक्षा पद्धति में पाठशालाओं को मां सरस्वती का मंदिर और शिक्षकों को गुरू का दर्जा दिया है, जहां ज्ञान और समझ दोनों प्रदान की जाती है। जिले के बकावां में एक ऐसा स्कूल है, जो शासकीय स्कूल होने के बावजूद भी बच्चों को एक निजी स्कूल का एहसास कराता है। इस स्कूल में निजी स्कूलों की तर्ज पर एलईडी के माध्यम से ऑडियो.वीडियो दिखाकर रंग, फूल, मात्रा, अंक, कविता आदि तरह का ज्ञान बताया जाता है। इस प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2011 से प्रभारी प्रधान पाठक के रूप में सेवा दे रहे शिक्षक कन्हैयालाल कुशवाह बताते है कि स्कूल के लिए जब भी कोई आवश्यकता होती हैए तो पहले स्टॉफ  अपनी ओर से रूपया इक_ा कर सुविधाएं करने में जुट जाते है। वहीं अधिक राशि की आवश्यकता हो, तो गांव के अभिभावक या ग्रामीण लोग भी इसमें पूरा सहयोग करते है।  

प्रवेश के लिए चलाया अभियान

गर्मियों की छुट्टियों के बाद जब प्रवेश प्रारंभ होते है, उस समय में भी पुरा स्टॉफ निमंत्रण लेकर घर.घर पहुंचकर स्कूल में होने वाली गतिविधियों, व्यवस्थाओं, सुविधाओं के बारे में भी बताते है। केवल बकावां नहीं बल्कि 4.5 गांवों में भी प्रचार किया है। आज इस स्कूल में स्टॉफ और जनसहयोग से पर्याप्त फर्नीचर, कम्प्यूटर, पुस्तकालय, स्वास्थ्य परीक्षण और टीवी प्रसारण की भी व्यवस्था मौजूद है। स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की संख्या अधिक होने से गत सत्र 2018.19 में ग्रामीणों की सहायता से फर्नीचर खरीदा गया। अब यहां कक्षा पहली से 5वीं तक का विद्यार्थी कुर्सी पर बैठकर पढ़ाई करते है। वर्तमान सत्र में अभी यहां 191 नियमित छात्र है। इनके लिए 4 शिक्षक नियमित रूप से पढ़ाई के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते है। 

 लोकप्रियता के कारण कई शिक्षक आते है देखने

इस विद्यालय की व्यवस्थाओं और इसकी लोकप्रियता के कारण आसपास की कई स्कूलों के शिक्षक भी देखने आते है। इसके लिए उन्होंने स्कूल में बकायदा एक विजीटिंग रजिस्टर रखा है। जिस पर आने वाले अपनी प्रतिक्रिया लिखते है। इसी स्कूल के शिक्षा प्राप्त कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले ग्राम बकावां के ही छात्र सुरेश पटेल ने लिखा है कि यह ऐसा स्कूल है, जहां एक प्रायवेट स्कूल की अनुभूति होती है। विधानसभा निर्वाचन में नियुक्त किए गए प्रेक्षक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा कि इस तरह का स्कूल बनाने में यहां के स्टॉफ और नागरिकों का संकल्प स्कूल को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां शिक्षा भी उसी स्तर की होगी।