देश के समग्र विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया पं नेहरू जी ने - कुलपति प्रो शर्मा
पं नेहरू की 130 वीं वर्षगाँठ पर विक्रम विश्वविद्यालय में विशिष्ट व्याख्यान सत्र 14 नवम्बर को सम्पन्न
उज्जैन। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं जवाहरलाल नेहरू की 130 वीं वर्षगाँठ पर विक्रम विश्वविद्यालय की राजनीति विज्ञान, लोक प्रशासन अध्ययनशाला में विशिष्ट व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। 14 नवम्बर 2019 को दोपहर 12 : 30 बजे सुमन मानविकी भवन स्थित राजनीति विज्ञान विभाग में पं नेहरू और भारत की संकल्पना पर केंद्रित व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो बालकृष्ण शर्मा ने की। उन्होंने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि नेहरू जी ने देश के समग्र विकास के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश के राष्ट्रनायकों के बीच उनका अद्वितीय योगदान रहा है। छात्र - छात्राओं को उनके दिखाए गए रास्तों पर चलने के लिए इस प्रकार के आयोजन सार्थक सिद्ध होते हैं।
आयोजन के विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ डी के बग्गा एवं डॉ निशा वशिष्ठ थीं। इस अवसर पर प्रो गीता नायक, डॉ अजयसिंह भदौरिया, डॉ उमा शर्मा एवंअलीशा मंसूरी सहित विभाग के कई विद्यार्थियों ने पं नेहरू जी के विविधायामी अवदान पर प्रकाश डाला।
मुख्य वक्ता प्रो गीता नायक ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि पं नेहरू बीसवीं सदी के प्रख्यात राजनेता थे। उन्होंने विश्व फलक पर शान्ति और परस्पर सहयोग की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। वे आत्मनिर्भरता और तीव्र गति से विकास के पक्षधर थे। भारत के आर्थिक और औद्योगिक विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। पंचवर्षीय योजना की शुरूआत उनके कार्यकाल में ही हुई।
डॉ उमा शर्मा ने कहा कि नेहरू जी ने विकास के उदारवादी, गांधीवादी और पूंजीवादी मॉडल का समावेश किया और उन्हें भारत की जरूरतों के अनुरूप ढाला। उन्होंने समाजवादी व्यवस्था को अंगीकार करने के साथ उत्पादन वृद्धि पर बल दिया। निर्धनता उन्मूलन, औद्योगिक प्रगति, मिश्रित अर्थव्यवस्था और योजनाबद्ध विकास की दिशा में उनका अविस्मरणीय योगदान है।
डॉ अजयसिंह भदौरिया ने कहा कि दो धुरियों में बंटे विश्व से परे हटकर उन्होंने गुटनिरपेक्षता पर बल दिया। वैज्ञानिक दृष्टिकोण, औद्योगिक विकास और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को महत्त्व दिया, जो आज भी प्रासंगिक हैं।
अलीशा मंसूरी ने कहा कि पं नेहरू ने भारत में धर्मनिरपेक्ष प्रजातंत्र की आधारशिला रखी। बच्चों की शिक्षा और प्रगति की दिशा में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया।
आस्था सिंह ने कहा कि भारत नेहरू जी के सिद्धांतों के अनुरूप प्रगति कर रहा है। वे मानते थे कि उपभोग के साथ उत्पादन जरूरी है। आयोजन में दिलीप चौहान, संदीप उपाध्याय, विष्णु सिंह ने भी विचार व्यक्त किए।
प्रारम्भ में अतिथियों ने वाग्देवी और पं नेहरू जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। अतिथि स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो दीपिका गुप्ता ने किया।
संचालन डॉ जितेंद्र शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन विभागाध्यक्ष प्रो दीपिका गुप्ता ने किया।