पत्रकारिता का मार्ग संघर्षो का मार्ग है।

पत्रकारिता का मार्ग संघर्षों का मार्ग है, प्रिंट मीडिया पर आज भी लोगों का भरोसा बरकरार, मीडिया में व्यवसाय और जन-सरोकार में सामंजस्य स्थापित करना एक बड़ी चुनौती, पीड़ितों और वांछितों की आवाज सदैव रहेगी मीडिया, म.प्र.सरकार का एक वर्ष पूर्ण होने पर जन-सरोकार और मीडिया संगोष्ठी सम्पन्न


उज्जैन 29 दिसम्बर। मध्य प्रदेश सरकार का एक वर्ष पूर्ण होने पर रविवार को स्थानीय होटल में संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय द्वारा जन-सरोकार और मीडिया संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेन्द्र पुरोहित, श्री निरूक्त भार्गव और श्री शैलेन्द्र कुल्मी थे। संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय की संयुक्त संचालक सुश्री रश्मि देशमुख द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। सर्वप्रथम मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर और माल्यार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया।
संयुक्त संचालक सुश्री देशमुख द्वारा संगोष्ठी में स्वागत भाषण देते हुए मध्य प्रदेश शासन द्वारा पत्रकारों के कल्याण और हित के लिये संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं व कार्यक्रमों के सही-सही क्रियान्वयन में मीडिया की भूमिका अतिमहत्वपूर्ण है। जनसम्पर्क विभाग मीडिया और शासन-प्रशासन के बीच की एक कड़ी है। जनसंपर्क विभाग पत्रकारों के लिए सदैव सहयोगात्मक रवैया रखता है। जनसंपर्क की ओर से कभी भी पत्रकारों की उपेक्षा नहीं की जाती है। पत्रकारों द्वारा विभिन्न विषयों पर प्रकाशित होने वाले समाचारों की कतरन पर कार्रवाई करने का अधिकार जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को है, इसलिए पत्रकारों और जिला प्रशासन के बीच समन्वय आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण के लिए जनसंपर्क विभाग निरंतर प्रयास करता रहेगा।
पत्रकार श्री राजेन्द्र पुरोहित ने संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार कोई भी हो जनता और पत्रकारों की उनसे कुछ अपेक्षाएं होती हैं। सरकार में बैठे लोग आम जनता की आवाज को सुनें, इसका माध्यम पत्रकार होते हैं। वर्तमान में मीडिया के क्षेत्र में व्यावसायिक घराने के लोगों का आगमन हुआ है। पत्रकारों को हमेशा अपने पत्रकारिता के कर्त्तव्य का पालन करना चाहिये। जनता की आवाज को सशक्त ढंग से पहुंचाने का कार्य मीडिया का रहा है और हमें इस कार्य को निपुणता से करना चाहिये।
श्री पुरोहित ने कहा कि वर्तमान में सोशल मीडिया के द्वारा प्रचार-प्रसार का प्रचलन है, लेकिन जो खबरें सोशल मीडिया पर प्रसारित हों, उनका सत्यापन बेहद जरूरी है। पत्रकार और मीडिया जनसेवा का भाव सदैव बनाकर रखे। आजकल पत्रकारिता में विषय विशेषज्ञता लिये हुए कई युवाओं का आगमन हुआ है। संसाधन, सुविधाएं और वेतन के द्वारा हम पत्रकार परिवार को चलाते हैं। वर्तमान में पत्रकारों को कठिनाईयों के दौर से गुजरना पड़ रहा है। हमारे कार्य का कोई निश्चित समय नहीं होता। कई बार कर्त्तव्य से बंधे होने के कारण हम अपने परिवार को समय नहीं दे पाते हैं। पत्रकारिता का मार्ग संघर्षों का मार्ग है। हमें आज यह तय करने की जरूरत है कि हमारा जन-सरोकार सरकार तक कैसे पहुंचे। यदि हम समाज के पिछड़े, दबे और वंचित वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर और उनकी तकलीफों को उजागर कर अपना कर्त्तव्य निभायें तो यह पत्रकारिता के अनुकूल होगा।
सोशल मीडिया पर आजकल चलाई जाने वाली कई खबरें जो वायरल होती हैं, उनकी सत्यता की जांच करना मीडिया और जिम्मेदार पत्रकारों का कर्त्तव्य है। वर्तमान में वेब पोर्टल के माध्यम से पत्रकारिता अपने विचारों को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। समय बदल रहा है, परन्तु आज भी आमजन का भरोसा मीडिया पर अधिक है और आगे भी बरकरार रहेगा।
श्री पुरोहित ने कहा कि वर्तमान में भारतीय संस्कृति और सभ्यता को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है, जिससे हमारा भारतीय समाज गर्त में जा रहा है। पत्रकारों और मीडिया को इस ओर भी आवाज उठानी चाहिये। आर्थिक मंदी के दौर में कॉर्पोरेट सेक्टर में मीडिया में बड़ा बदलाव आयेगा। हमें मीडिया में कॉर्पोरेट सेक्टर और जनता के सरोकार में सामंजस्य स्थापित करने में बड़ी मेहनत करनी होगी। ऐसे पत्रकार जो जन-सरोकार से जुड़े हैं, उन्हें आम जनता के दु:ख-दर्द को अखबारों के माध्यम से सबके सामने लाना चाहिये, तभी पत्रकारिता निर्बाध रूप से आगे बढ़ती जायेगी।
पत्रकार श्री निरूक्त भार्गव ने कहा कि पत्रकारिता और जन-सरोकार एक बहुत ही महत्वपुर्ण विषय है। आज का दौर बड़ी तेजी से बदल रहा है। साथ ही पत्रकारिता में भी स्थितियां बदल रही है। साल 2019 जाते-जाते हमारे समक्ष दो महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े कर रहा है वह यह कि मीडिया की अर्थव्यवस्था सुचारू रूप से कैसे संचालित की जाये और दूसरा मीडिया और पत्रकारिता की विश्वसनीयता को किस प्रकार बरकरार रखा जाये। आने वाले साल 2020 में पत्रकारों को इसके लिये संकल्प लेना चाहिये। मीडिया द्वारा जो भी खबरें प्रसारित की जाती हैं, उनका सत्यापन अवश्य होना चाहिये। वर्तमान में आमजन भी पत्रकारिता कर रहे हैं। वह इस तरह कि जब भी शहर में कोई घटना-दुर्घटना होती है तो लोग अपने मोबाइल कैमरे से उसे शूट कर सोशल मीडिया पर प्रसारित कर देते हैं।
श्री भार्गव ने कहा कि मीडिया और पत्रकारों को समाज के विभिन्न पहलुओं को आगे लाना होगा तथा अपनी विधा में और पारंगत होना होगा। आमजन की जो मीडिया से अपेक्षाएं हैं, उन पर हमें खरा उतरना होगा। वर्तमान में सरकार ने पत्रकारों के लिये कई योजनाएं प्रारम्भ की है। पत्रकारों का जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और उनके फोटो वीडियो कैमरे का बीमा भी सरकार के द्वारा किया जाता है। पत्रकारों को विभिन्न योजनाओं का लाभ लेना चाहिये।
पत्रकार श्री शैलेन्द्र कुल्मी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर आज आयोजित संगोष्ठी एक हर्ष का विषय है। अपने विचार व्यक्त करने का यह एक सशक्त माध्यम है। जनसम्पर्क विभाग द्वारा एक अच्छा अवसर और एक नवीन प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ एक अच्छे प्रशासक और उतने ही अच्छे उद्यमी भी हैं। वर्तमान में कोई भी पत्रकार छोटा या बड़ा नहीं है। पत्रकार एक स्वभाव है, वह बनाया नहीं जाता। श्री कुल्मी ने कहा कि पत्रकारिता क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती माफियाओं से है। वर्तमान में कई माफिया पत्रकारिता के क्षेत्र में आ गये हैं। इस वजह से पत्रकारिता का ज़मीर और आत्मा छिन्न-भिन्न हो रहा है। इससे निपटने की हम सबको सख्त जरूरत है।
श्री कुल्मी ने कहा कि समस्त पत्रकार अपने शहर के विकास के लिये सदैव जागरूक रहें। उन्होंने बताया कि वे अपने अखबार के माध्यम से अक्सर शहर की समस्याओं को प्रशासन के समक्ष उजागर करते हैं, ताकि आमजन का भला हो सके। श्री कुल्मी ने कहा कि एक पत्रकार होने के नाते उन्हें मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की नियत अच्छी लगती है। पत्रकारों और मीडिया के अन्दर बहुत शक्ति है। पत्रकार तनख्वाह में बिकने वाले लोग नहीं होते। हम समाज को तभी बदल सकेंगे, जब हम सशक्त हों।
श्री कुल्मी ने मंच से अपने सुझाव में कहा कि जनसम्पर्क विभाग द्वारा समय-समय पर उज्जैन आने वाले मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों की प्रेसवार्ता आयोजित की जाये। उज्जैन की पत्रकारिता निर्बाध रूप से आगे बढ़ती रहे, यही ईश्वर से प्रार्थना है, क्योंकि हम पत्रकार जनसुनवाई का सबसे बड़ा आधार हैं।
संगोष्ठी में पत्रकार श्री राजेश माली, श्री कैलाश सिसौदिया, श्री महेन्द्रसिंह बैस, श्री शमशाद खान, श्री राहुल मिश्रा, श्री राजेश जोशी एवं अन्य पत्रकारों ने अपने आवश्यक सुझाव दिये। संयुक्त संचालक सुश्री रश्मि देशमुख द्वारा अतिथियों का शाल, श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री हरिशंकर शर्मा और आभार प्रदर्शन श्री संतोष कुमार सोनी ने किया।