प्रशासन का कार्य नहीं करना चाहते ये अधिकारी, इस्तीफे से विश्वविद्यालय में हड़कंप

उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में शिक्षकों और कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने के बाद नया विवाद शुरू हो गया है। विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव (प्रशासन) आरके बघेल अपने दायित्वों से मुक्त करने के लिए कुलसचिव को पत्र लिखा है। बघेल के अनुसार उनके पास मौजूद उपकुलसचिव (प्रशासन) का दायित्व वापस लेकर अन्य किसी विभाग का दायित्व दे दिया जाए। इस पत्र के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन उलझन में है और प्रशासन विभाग का कार्य देखने के लिए दूसरे उप कुलसचिव में संभावनाएं तलाश रहा है। विश्वविद्यालय में वर्तमान में बघेल के अलावा दो अन्य उपकुलसचिव भी है।
लगातार शिक्षकों से विवाद 
विश्वविद्यालय में पदस्थ उपकुलसचिव ( प्रशासन) आरके बघेल का लगातार शिक्षकों से विवाद हो रहा है। दरअसल, विक्रम विश्वविद्यालय में नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया ,वेतनमान, पदोन्नति आदि मामलों में जमकर गड़बड़ी है। यह सभी मामले पूर्व के है। वर्तमान में सातवें वेतन मान का कार्य जारी है। ऐसे में पुरानी फाइलें भी निकल कर सामने आ रही है। शिक्षक पुरानी गड़बड़ियों को दबाकर अपना काम करवाना चाहते हैं और बघेल नियमों को अनदेखा नहीं करना चाहते उसी को लेकर दोनों के बीच विवाद हो रहा है।
  अनावश्यक अड़ंगे का भी आरोप
 इधर विश्वविद्यालय के शिक्षक और प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़े अन्य कर्मचारी भी उपकुलसचिव आरके बघेल पर फाइलों में अनावश्यक अड़ंगा लगाने का आरोप लगाते है। काफी बार आपसी विवाद ऑफिस में हो चुके है। इसी के साथ  बघेल वरिष्टता के आधार पर कुलसचिव पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं,  लेकिन शासन ने प्रभारी कुलसचिव की नियुक्ति डीआर बग्गा को दे रखी है।  बघेल अपने विवादों के पीछे दबी जुबान में तर्क देते हैं कि कुलसचिव फाइलों पर ठीक से काम नहीं करते और नीचे से आने वाली फाइलों को सिर्फ अनुमोदन के लिए आगे बढ़ा देते है।  जबकि फाइलों की खामी और गड़बड़ियां देखने की जिम्मेदारी कुलसचिव की होती है।