जांच में महिला प्रोफेसर के खिलाफ सौपे 3 हजार पेज के सबूत
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय के पुस्तकालय विज्ञान अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉक्टर सोनल सिंह और उपाचार्य डॉ अनिल जैन के बीच विवाद एक बार फिर गहरा गया है। अनिल जैन ने सोशल मीडिया पर सोनल सिंह के खिलाफ पीएचडी थीसिस नकल करने का आरोप लगाया था। सोनल सिंह ने उसी पोस्ट को आधार बनाते हुए अनिल जैन के खिलाफ राजभवन, महिला आयोग सहित अन्य एजेंसी को शिकायत कर दी थी। यह मामला विश्वविद्यालय जांच के लिए पहुंचा। तो अनिल जैन से स्पष्टीकरण मांगा गया। इसके जवाब में अनिल जैन ने करीब 3000 पेज के साक्ष्य उपलब्ध कराएं। जिसके बाद डॉक्टर सोनल सिंह अब खुद उल्टी फसती हुई नजर आ रही हैं। हालांकि अभी यह मामला जांच में है। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
दो स्थान से की थीसिस की नकल
डॉ अनिल जैन की शिकायत के अनुसार डॉक्टर सोनल सिंह ने नकल के आधार पर थिसिस तैयार की है। इन्होंने नकल पूर्व की थिसस और पुस्तक से की। अनिल जैन द्वारा इन दोनों के साक्ष्य विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रस्तुत किए हैं।
लंबे समय से चल रहा है विवाद
जैन और सोनल सिंह के बीच आपसी विवाद कोई नई बात नहीं है। दोनों एक ही विभाग में पदस्थ हैं। इसके बावजूद कई सालों से आपसी विवाद जारी है, लगातार एक दूसरे की शिकायत की जाती हैं और फंसाने की कोशिश की जाती है। इन दोनों के विवादों में काफी विद्यार्थियों का भविष्य भी खराब हो चुका है। अध्ययन शाला में पप्रवेश संख्या काफ़ी गिर गई है। शोधार्थियों को इन लोगों के आपसी विवाद के कारण भी आए दिन नई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
आत्महत्या करने आ गया था छात्र
विभाग में शिक्षकों के आपसी विवाद के चलते पीएचडी कोर्स वर्क का रिजल्ट लंबे समय तक जारी नहीं हुआ। छात्र लगातार मांग उठा रहे थे, लेकिन रिजल्ट घोषित नहीं हो पा रहा था। इसी के चलते वर्ष 2016 में आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान एक साथ आत्महत्या करने के लिए आ गया। पुलिस ने उसे मंच पर जाने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया और इस दौरान भी विभाग में शिक्षकों की आपसी राजनीति का मुद्दा चर्चा में आ गया था। हालांकि तत्कालीन कुलपति ने आनन-फानन में कोर्स वर्क का रिजल्ट जारी कर दिया था।