टीचर की गुटबाजी से बहसबाजी में उझला यह डिपार्टमेंट 

शिक्षा से ज्यादा हंगामा विक्रम विश्वविद्यालय की वाणिज्य अध्ययनशाला में, बेलगाम अतिथि विद्वान
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में शिक्षकों की गुटबाजी कोई नई बात नहीं है,लेकिन वाग्गदेवी भवन में संचालित वाणिज्य अध्ययनशाला अतिथि विद्वानों की गुटबाजी से ज्यादा जूझ रही है। वर्तमान में विभाग में एक भी स्थाई शिक्षक नहीं है। विभागाध्यक्ष के रूप में भी एमबीए संस्थान के प्रोफेसर धर्मेद्र मेहता को प्रभार सौंपा गया है। वाणिज्य विभाग में विद्यार्थियों की संख्या सबसे ज्यादा है। प्रभारी काम के बोझ के तले परेशान है और अतिथि विद्वान बेलगाम है। इसी के चलते प्रभारी विभागाध्यक्ष ने खुद को प्रभार मुक्त करने का पत्र भी लिख दिया है, लेकिन वर्तमान में विभाग में पढ़ाई को छोड़कर सबकुछ हो रहा है। 
हर दिन स्टाफ रूम में बहस 
विभाग का स्टाफ रूप पंचायती भवन बन चुका है। गुटबाजी के चलते शिक्षकों ने दो स्टाफ रूम बना लिए। इसके पीछे भी कारण लगातार  आपसी विवाद थे। इसी के साथ विभागाध्यक्ष के सामने चर्चा होती है। तो बहस और हंगामा ज्यादा होता है। हर कोई एक-दूसरे पर काम नहीं करने का आरोप लगाता है।
उपस्थित रजिस्टर से छेडख़ानी
शिक्षकों की बैठक में एक-दूसरे पर गंभीर आरोप भी लगाए जाते है। मामला सामने आया है कि कुछ दंबग अतिथि विद्वान आए दिन अवकाश बनाते है। इसके बाद अगले दिन काम पर काम उपस्थित रजिस्टर (व्हाइटनर लगाकर ओवर राइटिंग) से छेडख़ानी करते है। इसी के साथ कक्षाओं में नहीं जाते है। साथ ही विद्यार्थियों का राजनीतिक उपयोग करते है। ऐसे में हर दिन शिक्षकों का आपसी धमाल विभाग में देखने को मिल जाता है। इसी के साथ प्रभारी विभागाध्यक्ष और कर्मचारी के भी खुलेआम विवाद हो चुके है। 
इनका कहना है। 
उपस्थिति रजिस्टर से छेडख़ानी की जा रही है। तो यह काम विभागाध्यक्ष को देखना चाहिए।   शिकायत मिली है, औचक निरीक्षण कर इन बातों पर ध्यान दिया जाएगा। ऐसा करने वाले शिक्षक पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 
डीके बग्गा, कुलसचिव विवि