पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा में परस्पर सहयोग कर सकते हैं मंगोलियाई प्रांत और मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ से मंगोलियाई प्रतिनिधि-मंडल की भेंट 


मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मंत्रालय में मंगोलिया के प्रतिनिधि-मंडल से भेंट के दौरान कहा कि मंगोलिया प्रांत और मध्यप्रदेश मिलकर कई क्षेत्रों, विशेषकर सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में काम कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा ‍िक भारत और मंगोलिया के मध्य सौहार्द्रपूर्ण संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में दावोस में उनकी मंगोलिया के राष्ट्रपति से मुलाकात हुई थी। मंगोलिया के पर्यटन परिदृश्य की प्रशंसा करते हुएमुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें पर्यटन की संभावनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि मंगोलिया अपने नागरिकों की सादगी और मित्रता के लिए प्रसिद्ध है।


श्री कमल नाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश दोनों देशों के लोगों को आपस में जोड़ने के कार्यक्रम में सहयोग देगा। उन्होंने प्रदेश के बौद्ध विश्वविद्यालय के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अध्ययन से दोनों देशों के लोगों को आपस में जोड़ सकते हैं। श्री कमल नाथ ने कहा कि आमतौर पर सरकारें एक-दूसरे से जुड़ती हैं, लेकिन लोगों को आपस में जोड़ना ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, भारत के शिक्षा के केंद्र बिन्दु के रूप में उभर रहा है और मंगोलिया जैसे देशों को शैक्षणिक अवसर प्रदान कर सकता है।


मंगोलिया के चीफ आफ केबिनेट सेक्रेटिएट मंत्री श्री ओयूनरडेन लुवासनमसराल ने प्रतिनिधि-मंडल के अन्य सदस्यों को बताया कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ भारत के एक महत्वपूर्ण नेता हैं। उन्होंने गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और बताया कि प्रतिनिधि-मंडल ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली का अध्ययन किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि निकट भविष्य में मध्यप्रदेश के साथ पर्यटन, संस्कृति और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री को मंगोलिया आमंत्रित किया।


मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि मंगोलिया में भरपूर प्राकृतिक संसाधन हैं। मध्यप्रदेश पारंपरिक दवाओं के निर्माण में सहयोग कर सकता है। मध्यप्रदेश शैक्षणिक सुविधाएं भी उपलब्ध करा सकता है क्योंकि यहां कई उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और कौशल विकास केन्‍द्र हैं।


प्रतिनिधि-मंडल में मंगोलिया के विभिन्न प्रांतों के गवर्नर शामिल थे। संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री पंकज राग, सचिव पर्यटन श्री फैज अहमद किदवई और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।