प्रोफेसर का मनमाना अध्यादेश... कैसे एक ही कक्षा की परीक्षा होगी दूसरी बार 

सीबीसी सिस्टम की आड़ में अध्यादेश का खुलेआम उल्लंघन, अधिकारियों पर हावी प्रोफेसर 
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय अजब है, क्योंकि यहां पर दो लाख रूपए के धैर्यवीर प्रोफेसर पाए जाते है। जो सिर्फ अपने ही हिसाब से अध्यादेश और नियमों की व्याख्या करने के साथ अध्यादेश की धज्जिया उड़ा देते है। साथ ही विद्यार्थियों का अहित करने से भी नहीं चूकते है। ऐसा ही मामला शुक्रवार को विक्रम विश्वविद्यालय में घटित होगा। जब एक ही कक्षा की एक सत्र में दूसरी बार परीक्षा आयोजित होगी। साथ ही यह कारनामे का श्रेय वाणिज्य विभाग के प्रमुख धर्मेद मेहता जाएगा। 
ऐसे समझे मामला 
विक्रम विश्वविद्यालय सीबीसी सिस्टम (च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम) लागू है। इसके अनुसार सभी परीक्षा संबंधित अध्ययनशालाओं में आयोजित की जाती है। विवि प्रशासन ने भी 12 दिसंबर 2019 को एक अधिसूचना जारी की। इसके तहत समस्त को अध्ययनशाला में अपनी-अपनी परीक्षा आयोति करने के लिए कहा। 
विक्रम विवि  वाणिज्य विभाग के अधीन उधमिता व व्यक्तिव विकास प्रकोष्ठ संचालित होता है। इस प्रकोष्ठ के माध्यम से उधमिता व व्यक्तिव विकास दो प्रश्रपत्र पढ़ाए जाते हे। समस्त अध्ययनशाला के विद्यार्थी इन दो प्रश्रपत्र में एक प्रश्रपत्र चुनते है। इनकी कक्षा वाणिज्य विभाग में लगती और आंतरिक परीक्षा भी वाणिज्य विभाग लेता है। अब नियमानुसार वाणिज्य विभाग में दोनों प्रश्रपत्र आयोजित किए जाने थे, लेकिन विभागध्यक्ष  धर्मेद मेहता ने अपनी जिम्मेदारी उठाने से इनकार कर दिया। तो विवि के अधिकारियों ने व्यवस्था की जिस विभाग का विद्यार्थी है। वहां परीक्षा दे। 
कैसे मजाक बन गई परीक्षा
उधमिता और व्यक्त्वि विकास की पढ़ाई सभी छात्रों ने एक साथ की। आंतरिक परीक्षा एक साथ अब परीक्षा अलग-अलग केंद्रों पर हो रही थी। यह कारनामा विक्रम विवि में ही संभव है। बता दे कि अब तक यह परीक्षा एक साथ ही होती आई। ऐसे में परीक्षा पूरी तरह से मजाक बन गई। गजब तो जब हो गया। जब परीक्षा करवाने के बाद मूल्यांकन के कॉपी वाणिज्य विभाग ही भेजी गई। यहां भी धर्मेद मेहता सब को खूब छकाया। कुछ की कॉपी वाणिज्य विभाग में जमा हुई। तो किसी की कॉपी गोपनीय विभाग में जमा हुई। 
एक ही कक्षा की दो बार परीक्षा 
उधमिता और व्यक्त्वि विकास प्रथम सेमेस्टर विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षा है। अलग-अलग विभाग के बच्चे एक साथ पड़ते है। एक सिलेबस है। विवि ने भी एक साथ परीक्षा करवाने की अधिसूचना जारी की, लेकिन वाणिज्य विभाग ने 28 दिसंबर को परीक्षा कराने से मना कर दिया। इसके बाद सिर्फ वाणिज्य विभाग के विद्यार्थियों के लिए 10 जनवरी को परीक्षा करवाने का निर्णय लिया गया। अब एक ही सेमेस्टर  का प्रश्रपत्र दो बार आयोजित हो रहा है। 
राज्यपाल को भेजी है शिकायत 
विक्रम विवि के प्रोफेसरों की हठधर्मिता के कारण छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है। एक ही परीक्षा दो बार कैसे हो सकती है। हमने हमेशा छात्रहित में आवाज उठाई और देर से ही सही हमे न्याय मिला है। परीक्षा की धांधली की शिकायत कर दी। कुलपति को भी पत्र भेजा जाएगा कि गैर जिम्मेदार व्यक्ति को पद से हटाया जाए और इसके खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएं। 
भरत शर्मा, भारतीय युवा छात्रसंघ। 
इनका कहना है। 
सीबीसी सिस्टम की परीक्षा के लिए पूरी तरह विभागाध्यक्ष जिम्मेदार है। 
डीके बग्गा, कुलसचिव विक्रम विवि।