सफलता की कहानी- 600 गायों को मिला आश्रय

"सफलता की कहानी"
कचनारिया की गोपाल गौशाला में 600 निराश्रित गायों को मिला आश्रय, जख्मी और कमजोर गायों के लिये अलग से बनाया गया है शेड
 
उज्जैन 15 जनवरी। तराना के ग्राम कचनारिया में छह बीघा में बनाई गई गोपाल गौशाला में 600 निराश्रित गायों को आसरा मिला है। यहां तराना, उज्जैन, अन्य तहसीलों तथा आसपास के गांवों से लाई गई निराश्रित गायों का सम्पूर्ण ख्याल रखा जाता है।
 गौशाला के संचालक श्री रामचन्द्र पाटीदार अध्यक्ष श्री जगदीश दुबे और कोषाध्यक्ष श्री गोविन्दप्रसाद कटारिया हैं। श्री पाटीदार ने जानकारी दी कि गौशाला में सड़क दुर्घटना में जख्मी और कमजोर गाय भी लाई जाती हैं। उनकी देखभाल के लिये एक अलग शेड बनाया गया है। गायों को इस शेड रखा जाता है। शेड के ऊपर टीन का कवर और बाकी चारों तरफ जालियां लगी होती हैं ताकि चील व कौए गायों को परेशान न करें।
 अभी हाल ही में उज्जैन से भी 20 आवारा गायों को नगर निगम द्वारा यहां लाया गया है। आवारा गायों के अलावा दूध न देने वाली गायों के मालिक भी उन्हें यहां छोड़ जाते हैं। श्री पाटीदार बताते हैं कि जो भी गाय यहां आती हैं, उनकी पूरी लिखा-पढ़ी लाने वाले के साथ की जाती है। उसका पूरा रिकार्ड संधारित किया जाता है। यहां गायों के लिये तीन अलग-अलग शेड बनाये गये हैं। गायों को सुबह अलग-अलग स्थानों पर चरने के लिये ले जाया जाता है, ताकि उनका शारीरिक परिश्रम हो सके। जो गायें यहां काफी समय से रह रही होती हैं, उन्हें जंगल में भी स्वच्छंद विचरण के लिये ले जाया जाता है।
 उक्त गौशाला पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग द्वारा पंजीकृत और मान्यता प्राप्त है। विभाग की ओर से गौशाला के रख-रखाव और गायों के चारे के लिये तीन लाख 71 हजार रुपये की अनुदान राशि भी उपलब्ध कराई गई है। बाकी राशि समय-समय पर दानदाताओं द्वारा प्रदाय की जाती है। गौशाला का समय-समय पर ऑडिट भी होता है। यहां गायों के लिये चारा क्रय किया जाता है। चारा रखने के लिये एक विशाल शेड बनाया गया है। श्री पाटीदार ने बताया कि प्रतिवर्ष गायों के चारे पर 15 लाख रुपये खर्च किये जाते हैं। गौशाला में गायों की देखभाल के लिये सात कर्मचारी रखे गये हैं, जो दिन-रात गायों की सेवा में लगे रहते हैं।
गोपालन के साथ गोसंवर्धन भी
 श्री पाटीदार ने बताया कि गोपाल गौशाला में गोपालन के साथ-साथ गायों के गोबर से जैविक खाद भी बनाई जा रही है, जिसका विक्रय उचित दामों पर किसानों को किया जाता है। हाल ही में गौशाला में वर्मी कम्पोस्ट द्वारा खाद बनाने के लिये चेम्बर का निर्माण भी किया गया है। गायों के पेयजल हेतु यहां ट्यूबवेल है। इस गौशाला का निर्माण सन 1995 में किया गया था। निश्चित रूप से कचनारिया की गोपाल गौशाला प्रदेश में निराश्रित गोवंश का पालन-पोषण और उन्हें समुचित सुरक्षा दिये जाने की मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की मंशा पर पूरी तरह खरी उतरती है।