सीएस एग्जाम 31 दिसबंर से, विवि ने बदल दी 28  के प्रश्रपत्र की तारीख

विभागाध्यक्ष ने कुलपति को गुमराह किया या फिर मिलकर नाटक कर रहे, विश्वविद्यालय को बना दिया चारगाह 
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी जारी है। छात्र अगर अपनी समस्या लेकर जाते है। तो इन्हें अध्यादेश, नियम और अधिसूचना ध्यान आती है, खुद के लाभ के लिए यह सभी नियमों को ताक पर रख देते है। दूसरी तरफ सरकार और राजभवन का शिकायतों पर ध्यान नहीं देने और गड़बड़ी के आवेदन को डस्ट्बिन में डालने की प्रवृत्ति उच्च शिक्षा संस्थानों का सत्यानाश कर रही है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जब विवि के अधिकारियों ने परीक्षा की तारीख बढ़ाने के लिए झूठे तथ्यों का सहारा दिया। दरअसल, विक्रम विवि की उधमिता व व्यक्तिव विकास की परीक्षा 28 दिसंबर को आयोजित की जानी थी। इसके लिए अधिसूचना भी जारी हुई। यह परीक्षा सभी विभागों में एक साथ होनी थी, लेकिन वाणिज्य विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष धर्मेद मेहता ने परीक्षा करवाने के लिए इनकार कर दिया। इसके बाद एक ही कक्षा की परीक्षा दो बार करवाई गई। साथ ही परीक्षा की तारीख बढ़ाने के लिए सीएस की परीक्षा का सहारा लिया गया। वह परीक्षा 28 तारीख को नहीं थी। 
छात्रा के मेल भी नहीं 28 का जिक्र 
कुलपति कार्यालय में प्रियांशी जैन नामक एक छात्रा ने मेल भेजा। उसने एक लाइन लिखी कि उसकी सीएस की परीक्षा स्थागित हो गई। इसलिए एमकॉम की परीक्षा आगे बढ़ाई जाएं। गजब और लापरवाही का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि छात्रा ने जो परीक्षा का शेयडूल भेजा। उसमें भी 28 दिसंबर को कोई परीक्षा होने का जिक्र नहीं है। ऐसे में विवि प्रशासन ने 28 दिसंबर का प्रश्रपत्र निरस्त कर विशेष परीक्षा क्यों करवाई। 



(सीए की परीक्षा कार्यक्रम  31 दिसंबर, 1, 2, 3 जनवरी को परीक्षा, जबकि पूर्व में 20, 21, 23, 24 को थी)


विभागाध्यक्ष ने मना कर दिया परीक्षा करवाने से 
वाणिज्य विभाग के प्रभारी विभागध्यक्ष धर्मेद मेहता ने विभाग में परीक्षा करवाने से मना कर दिया। इसके बाद सुमनमानविकी परीक्षा केंद्र बनाने की तैयारी हुई, लेकिन अन्य लोगों ने वाणिज्य विभाग की परीक्षा करवाने से मना कर दिया। इसके बाद विवश होकर धर्मेद ने परीक्षा करवाने को तैयार हुआ, लेकिन उसने भी जमकर मनमानी की। 
इनका कहना है। 
परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में लापरवाही और फिर कुलपति की मौन स्वीकृति विश्वविद्यालय की साख प्रभावित कर रही है। मामले की शिकायत कर दी। राजभवन से ही उम्मीद बची है। 
भरत शर्मा, भायुछासं
इनका कहना है। 
परीक्षा तारीख निर्धारण का कार्य विभागाध्यक्ष का है। उनके आवेदन पर तारीख बढ़ाई गई। 
डीके बग्गा, प्रभारी कुलसचिव।