विक्रम विवि से गहरा नाता है राज्यपाल को फर्जी फोन लगाने वाले डॉ. चंद्रेश शुक्ला का 

कुलपति बनने के लिए गृहमंत्री अमित शाह का लगाया फोन, विक्रम विवि के पूर्व कुलपति एसएस पाण्डे के बेहद करीबी, भ्रष्टाचार में रहे सहयोगी 
उज्जैन. विश्वविद्यालय के कुलपति बनने के लिए लोग तरह-तरह के हथकंडे अपनाते है, लेकिन मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बनने के लिए डॉ. चंद्रेश शुक्ला ने जो हथकंडा अपनाया, वह इतिहास में किसी ने नहीं अपनाया होगा। चंद्रेश शुक्ला ने अपने दोस्त विंग कमांडर कुलदीप बाघेला की मदद से राज्यपाल लालजी टंडन को गृहमंत्री अमित शाह का फर्जी फोन लगवाया। हालांकि राजभवन ने उक्त फर्जी फोन को पकड़ लिया। एसटीएफ को जांच सौंपी। तो दोनों आरोपी पुलिस की हिरासत में है। आपकों बता दे कि डॉ. चंद्रेश शुक्ला का उज्जैन के विक्रम विवि से विगत चार वर्ष तक गहरा नाता रहा है। 
पूर्व कुलपति पाण्डे के करीबी 
डॉ. चंद्रेश शुक्ला विक्रम विवि के पूर्व कुलपति शीलसिंधु पाण्डे के बेहद करीबी थे। चंद्रेश शुक्ला जब भी उज्जैन आते थे, तो कुलपति निवास पर ही रूकते थे और कुलपति की सभी चीजों का अधिकृत रूप से प्रयोग करते थे। विवि में आयोजित हुए राज्य स्तरीय युवा उत्सव में चंद्रेश शुक्ला को समापन पर विशेष अतिथि भी बनाया गया। 
शिक्षक नियुक्ति घोटाले में शामिल 
पूर्व कुलपति एसएस पाण्डे के कार्यकाल में आरडीगार्डी मेडिकल कॉलेज में एक दिन में 121 शिक्षकों की नियुक्ति हुई। इन नियुक्ति को करने वाली समिति में अध्यक्ष डॉ. चंद्रेश शुक्ला ही था। शुक्ला उक्त समिति के अध्यक्ष के लिए योग्य भी नहीं था, लेकिन कुलपति ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर उसे अध्यक्ष बनाया। 



(थाने में मौजूद चंद्रेश अपने दोस्त के साथ)
एसएस पाण्डे भी जताते थे गृहमंत्री से नजदीकी 

पूर्व कुलपति एसएस पाण्डे भी हमेशा अपनी नजदीकी गृहमंत्री अमित शाह और तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बताया करते थे। दीक्षांत सहित अन्य बड़े कार्यक्रमों में इन्हें अतिथि बनाकर लाने की चर्चा भी जोर से करते थे, लेकिन ऐनवक्त पर स्थिति यह बनती थी कि जिन लोगों के नाम बतौर अतिथि आंमत्रण कार्ड पर छपते थे। वह भी नहीं आते थे। कई कार्यक्रम में कुलपति पाण्डे की अध्यक्षता में उनकी पत्नी अतिथि हो गई।