अन्य प्रदेशों में फँसे मजदूरों को वापस लाने की व्यवस्था संबंधी निर्देश  

अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कोरोना कंट्रोल रूम श्री आई.सी.पी. केशरी ने प्रदेश के बाहर अन्य प्रदेशों में लॉकडाउन के कारण रुके हुए मजदूरों को उनके गन्तव्य तक पहुँचाने के लिये जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को जारी किये हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य नियंत्रण कक्ष (स्टेट कंट्रोल रूम) में जिलेवार संधारित अन्य प्रदेशों में रुके प्रदेश के मजदूरों की जानकारी राज्य समन्वयक अधिकारी को दी जायेगी।


निर्देशों में बताया गया है कि राज्य समन्वयक अधिकारी अन्य राज्यों से संबंधित संधारित प्रदेश के मजदूरों की जिलेवार जानकारी प्राप्त करेंगे एवं अपना डाटा भी उनसे साझा करेंगे। प्रदेश के विभिन्न जिलों के निवासी मजदूर, जो अन्य प्रदेशों में फंसे हुए हैं, उनकी जानकारी मैपआईटी और जिला कलेक्टरों ने मुख्यमंत्री मजदूर सहायता योजना के अंतर्गत संधारित की है। यह जानकारी अपर प्रमुख सचिव श्री आई.सी.पी. केशरी अथवा प्रमुख सचिव श्री संजय दुबे को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त, ऐसे निवासी राज्य नियंत्रण कक्ष के फोन नं. 0755-241180 पर भी सूचना दे सकेंगे, जिसकी जानकारी का संकलन राज्य नियंत्रण कक्ष द्वारा किया जायेगा।


अपर मुख्य सचिव श्री केशरी ने कहा है कि सभी माध्यमों से प्राप्त जानकारी के आधार पर कार्य-योजना बनाई जाए तथा संबंधित समन्वयक अधिकारी अपने अन्य प्रदेशों के काउंटर पार्ट से समन्वय स्थापित करेंगे तथा इस जानकारी से मुझे अवगत कराएंगे।


परिवहन व्यवस्था


गुजरात, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश द्वारा वहाँ की बसों से मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुँचाने की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे समस्त नागरिक, जो अन्य प्रदेशों से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करेंगे, उनका मध्यप्रदेश की सीमा पर संबंधित जिले के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा और उनके विश्राम तथा भोजन की व्यवस्था की जाएगी।


स्वास्थ्य परीक्षण में अस्वस्थ पाये गये श्रमिकों के लिये क्वारेंटाइन की व्यवस्था वहीं पर सुनिश्चित की जाएगी। स्वस्थ पाये गये श्रमिकों को इन्ट्री प्वाइंट से उनके गंतव्य जिले तक पहुँचाने की व्यवस्था बसों के माध्यम से सीमावर्ती जिले द्वारा की जाएगी। इसके लिये परिवहन विभाग तथा आर.टी.ओ. द्वारा पर्याप्त बसों को जिलेवार भेजा जाएगा।


ऐसे नागरिकों का गन्तव्य जिले में पहुँचने पर पुन: स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ्य परीक्षण में अस्वस्थ पाये गये नागरिकों के अलावा शेष को उनके निवास स्थल को भेजा जाएगा। शेष व्यक्तियों को अस्वस्थ पाये जाने पर जिले के अंदर क्वारेंटाईन किया जाएगा। इस काम में परिवहन, भोजन और अन्य सुविधाओं के लिये कलेक्टर एसडीआरएफ से भुगतान की व्यवस्था करेंगे। अन्य शहरों में आने वाले मजदूरों की संख्या को उस राज्य के नोडल अधिकारी से समन्वय कर रेगुलेट किया जाएगा ताकि बार्डर पर व्यवस्था ठीक बनी रहे।