फ़ोन कर बोला 200 लोग भूखे हैं, भोजन लेकर पहुंचे तो 20 लोग भी नही मिले
फोन पर बोला दो सौ लोगो को खाने की जरूरत है सब भूखे है घर मे कुछ नही है सब परेशान है ....
स्वर्णिम भारत मंच ने पड़ताल की तो बीस जरूरतमंद भी सामने नही आये
उज्जैन। अपनी जान झोखिम में डालकर सेवा देने वाले प्रशासन व स्वयं सेवी संस्था के कार्यकर्ताओ को हर बार कोसना लोगो को इस बार भारी पड़ गया हर बार खाने की मांग करने वाले खाने के पैकेट लेने की हिम्मत नही कर पाए स्वर्णिम भारत मंच की खोज बीन से रहवासी शर्म से झुक गए उनकी बोलती बंद हो गयी जब उनसे तीखे सवाल कर लिए तो महिलाएं सरकार को लॉक डॉउन के लिए कोसने लग गयी ।
स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि हरसिद्धि के पीछे योग माता मंदिर क्षेत्र की महिलाएं कई बार फोन कर बोल रही थी कि हम दो सौ लोग है सब भूखे मर रहे है। कोई हमारी सुध नही ले रहा है , ईस पर स्वर्णिम भारत मंच की टीम भोजन पैकेट लेकर वँहा पहुंची तो महिलाओं का कहना था कि हमे कोई मदद नही पहुँचा रहा है हमारे इधर भूखे है लोग जब जरूरतमंद से सवाल किए तो उनकी असलियत सामने आई दो सौ में से बीस लोग भी सही जरूरतमंद नही निकले।
खाद्य सामग्री की मांग हर बार
लोग जरूरत ऐसी बताते है जैसे उनके लिए अब दुनिया ही खत्म हो चुकी हो लॉक डॉउन व्यवस्था कोरोना जैसी भयंकर महामारी से बचने का माध्यम है। शासन प्रशासन की कोई मनमानी नही है। हम सुरक्षित तो जग सुरक्षित के सिद्धांत पर चलकर ही कोरोना से बचा जासकता है इस तरह से लोगो को समझाइस दी गयी जिसमें से कई लोग खाद्य सामग्री जमा करने के लिए बार बार संस्थाओं से भोजन नही आने की मांग करते है हर बार उनके दुखड़े को सुनकर कोई न कोई मदद के लिए जाता है व कुछ न कुछ देकर आता है।
सघन बस्ती में अलग अलग मांग
स्वर्णिम भारत मंच को सघन बस्ती क्षेत्र में से लगातार महिलाओं द्वारा फोन पर सूचना दी जाती ओर बताया जाता कि इस क्षेत्र में लोग बहुत परेशान है घर मे खाने को कुछ नही है यंहा कोई नही आता है हम खाये तो क्या खाएं 20 से 30 घर है जिसमे एक एक घर मे 4 से 5 लोग है सब के सब भूखे मरने की स्थिति में है
इतनी भावुक कर देना वाली प्रार्थना पर कोई भी हो उसे जाना ही पड़ेगा।
ऐसा ही फोन हरसिद्धि मन्दिर के पीछे योग माता मंदिर क्षेत्र से आया कहा कि दो सौ लोग है जो भुखमरी झेल रहे है स्वर्णिम भारत मंच ने जांच कि की आखिर इतनी संख्या वाले क्षेत्र में सेवा नही पहुंची हो ऐसा हो ही नही सकता है। वास्तविकता का पता लगाया तो असली जरूरतमंद थे ही नही।
इस तरह फोन पर सूचना सभी को आती है जिनकी मांग अलग अलग होती है
हालांकि स्वर्णिम भारत मंच मदद के भाव से पहुंचकर मदद करता ही हैं । संस्था द्वारा निःशुल्क भोजन सेवा का संचालन करते हुए एक सो निन्यानवे दिन हो चुके जो लॉक डॉउन में भी जारी है।