उज्जैन को कोरोना से बचाना है तो बेगमबाग धरने में शामिल सभी लोगो का टेस्ट कराए प्रशासन स्वर्णिम भारत मंच ने की कलेक्टर व सरकार से मांग 
उज्जैन। एक महीने के लॉक डॉउन के बाद भी उज्जैन में कोरोना से संक्रमित लोग दिन प्रतिदिन बढ़ रहे है।चौकाने वाला आंकड़ा तो बुधवार के दिन आया जब एक साथ अट्ठाइस लोगो की रिपोर्ट  सामने आयी।  इतनी बड़ी संख्या में कोरोना पॉजीटिव लोग निकले है जिससे समूचा उज्जैन हिल गया है। गौर करने वाली बात है कि पॉजिटिव लोगो में अधिकतर मुस्लिम समाज के है। इस कारण स्वर्णिम भारत मंच ने कलेक्टर व सरकार से मांग की है कि सभी बेगमबाग के धरने में शामिल लोगों का कोरोना टेस्ट कराया जाए। 

 

स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण आज उज्जैन के लोगो की जान खतरे में है। यदि प्रशासन सही समय पर जागकर caa के विरोध में बेगमबाग पर चल रहे मुस्लिम समाज के धरने  को बंन्द करवा देता तो आज हमे इतनी बड़ी मुसबीत में नही आना पड़ता। इसलिए स्वर्णिम भारत मंच सरकार से  मांग करता है कि तत्काल बेगमबाग के धरने में सम्मिलित लोगो का कोरोना टेस्ट कराए जिससे शहर में आग की तरह फैल रही इस महामारी को रोका जा सके।

लोगो की मदद के लिए हर बार आगे रहता है स्वर्णिम भारत मंच 

आम लोगो की मदद के लिए हमेशा से स्वर्णिम भारत मंच आगे रहा है। हर  वक्त मंच  के कार्यकर्ता जनता की लड़ाई लड़ते है। ज्ञात हो  कि स्वर्णिम भारत मंच उज्जैन पवित्र नगरी का आंदोलन भी लंबे समय से चला रहा है। अभी लॉक डॉउन में 48 हजार लोगों तक भोजन सेवा मंच द्वारा पहुंचाई गयी है।

मुस्लिम समाज से ही कोरोना की शुरूवात उज्जैन में हुई थी

 स्वर्णिम भारत मंच ने सभी caa के विरोध में बैठे लोगों की कोरोना टेस्ट की मांग इसलिए भी की है कि सबसे पहले कोरोनो पॉजिटिव महिला निकली थी वह मुस्लिम समाज से थी जो धरने में भी शरीक ह्यूई थी बाद में ओर भी केस आये है। उसमें अधिक्तर मुस्लिम समुदाय से है इसलिए प्रशासन मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र को प्रतिबंधित करके सभी की जांच अतिशीघ्र कराए।

डॉ महाडिक पर लगाये रासुका

स्वर्णिम भारत मंच ने पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर  व कलेक्टर शशांक मिश्र को अवगत कराया कि अपने भाई का छुपकर कोरोना का इलाज करने वाले डॉक्टर महाडिक पर रासुका के तहत कार्रवाही की जाए।

स्वर्णिम भारत मंच ने ये भी हवाला दिया है कि उज्जैन के लोगों की सुरक्षा से बढ़कर किसी का रुतबा नही हो सकता है।