ये युवा है शहर की शान, रक्त के साथ ही दूध और भोजन का दान लॉकडाउन में मूक पशुओं का सहारा बनी नीड संस्थान
ये युवा है शहर की शान, रक्त के साथ ही दूध और भोजन का दान

लॉकडाउन में मूक पशुओं का सहारा बनी नीड संस्थान

उज्जैन। जिंदगी में रोटी कपड़ा और मकान की दरकार हर किसी की होती है। सुबह से लेकर शाम तक हर कोई इसी भागदौड़ में व्यस्त रह कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि अंतरराष्ट्रीय कोरोना महामारी के प्रकोप ने भारत को भी झकझोर कर रख दिया है।

मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर को बाबा महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां के युवाओं ने एक अनूठी पहल प्रारंभ की है, जिसमें नीड ब्लड डोनेशन ग्रुप की स्थापना की है। रक्तदान के साथ-साथ अब जिस तरह से लॉकडाउन का दौर चल रहा है, ऐसे में जरूरतमंदों को न सिर्फ दो वक्त का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, बल्कि उन प्राणियों की भी सुध ली जा रही है, जो सड़कों पर भूखे-प्यासे घूम रहे हैं। इनमें स्ट्रीट डॉग्स और गौ-माता प्रमुख हैं। जिन्हें दूध, बिस्किट, चारा और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। संस्था के संयोजक समाजसेवी अंकित चौबे ने बताया कि नीड ब्लड डोनेशन ग्रुप उज्जैन द्वारा लॉक डाउन के दौरान सड़क पर घूमने वाले श्वानों को भी दूध पिलाया जा रहा है। खासकर ऐसे श्वान को भी खोजा जा रहा है, जिन्होंने हाल ही में पिल्लों को जन्म दिए हैं।

लगभग 100 से अधिक श्वानों को 15 से अधिक स्थानों पर जाकर सड़क पर रहने वाले श्वानों को पात्र में रखकर ग्रुप द्वारा दूध पिलाया जा रहा है। साथ ही प्रथम चरण में 200 परिवारों तक खाद्यान्न सामग्री पहुंचाने के बाद आज से दूसरे चरण में 150 परिवारों तक खाद्यान्न सामग्री ग्रुप द्वारा बिना किसी से आर्थिक सहयोग लिए सिर्फ ग्रुप मेंबर द्वारा स्वयं के शुल्क से सामग्री लाकर वितरित कर रहे हैं। लगातार 29 दिनों से 2000 से अधिक भोजन पैकेट झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले जरूरतमन्द लोगों को उपलब्ध करवा चुके है। इस कार्य में ग्रुप के महेश कुमावत, रवि यादव, नीरज तिवारी, प्रशांत चौबे, मोटी निगम, सोनू जैन, आजाद चौरसिया, अपेक्षा शुक्ला, प्रमिला यादव, अनामिका तिवारी, शैलू यादव, अमित दुबे, हेमन्त जैन, मुकेश दुबे, शुभम पांडे, लक्की मेहता, राज श्रीवास, अभिनेश तिवारी आदि का सहयोग मिल रहा है।