241 दिनों से चल रही है वृद्धजनों की निःशुल्क भोजन सेवा,  स्वर्णिम भारत मंच ने उठा रखा है यह बीड़ा 

241 दिनों से चल रही है वृद्धजनों की निःशुल्क भोजन सेवा 


स्वर्णिम भारत मंच ने उठा रखा है यह बीड़ा 

महापौर मीना जोनवाल की सूचना पर वृद्धजनो को भोजन पहुँचाते मंच के कार्यकर्ता 

उज्जैन। कोरोना संक्रमण से लागू लॉक डॉउन में कई संस्थाए जरूरतमंद लोगों की मदद कर रही है पर उज्जैन में एक ऐसी संस्था भी  है जिसने आज से 241  दिन पहले से ही निःशुल्क भोजन सेवा का बीड़ा उठा  रखा  है। शहर में ऐसे कई वृद्धजनो , दिव्यांगों व विधवाओ के लिए निशुल्क घर पहुंच भोजन सेवा की जा रही है।

 आज हम आपको बताने जा रहे है कि स्वर्णिम भारत मंच जो कि सामाजिक संगठन है जिसका गठन  स्वामी विवेकानंद जयंती पर 12 जनवरी 2011 को हुआ था तब से ही जन सेवा के क्षेत्र में स्वर्णिम भारत मंच अग्रणी भूमिका पूरी करता आ रहा है। लॉक डॉउन में भी 22 मार्च से बेसहारा बेबस लोगो को भोजन पहुंचाने का प्रयास  निरंतर जारी है वृद्धजनो व दिव्यांगों की भोजन सेवा में स्वर्णिम भारत मंच कोई कसर नही छोड़ता है।जंहा से भी सूचना प्राप्त होती है वँहा भोजन पहुंचाता है। ऐसे ही महापौर मीना जोनवाल को किसी ने अवगत कराया कि लक्ष्मीनगर क्षेत्र में वृद्ध दंपति है जिनके पास खाने का कोई आधार नही है उंन्हे भोजन की अति जरूरत है तो महापौर ने इसकी सूचना स्वर्णिम भारत मंच को की जिस पर मंच द्वारा वृद्ध दंपति को भोजन पहुंचना शुरू कर दिया गया। पूर्व में भी कई जनप्रतिनिधियों द्वारा स्वर्णिम भारत मंच को सूचना दी जा चुकी है। क्योंकि उज्जैन में पहली ऐसी सेवा की शुरुआत स्वर्णिम भारत मंच ने की थी जिसके अंर्तगत असह्यय लोगो को घर पर ही भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

241 दिनों से निःशुल्क भोजन सेवा

 स्वर्णिम भारत मंच ऐसे बुजुर्गों को निशुल्क भोजन पहुंचाता है जिनकी देखभाल करने वाला कोई नही है  या उंन्हे किसी भी पारिवारिक कारण से भोजन नही मिल पा रहा हो ऐसे सीनियर सिटीजन की सूचना प्राप्त होते ही मंच अपनी ओर से तस्दीक पूरी करके एक फार्म भरवा लेता उसके बाद  भोजन देना प्रारंभ कर देता है इस संबंध में स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव से बात हुई तो उन्होंने बताया कि हमारे बुजर्ग किसी पारिवारिक कलह या शारीरिक कष्ट के कारण वृद्धाश्रम  में रहने पर मजबूर न हो इसलिए हम उंन्हे घर पर ही भोजन पहुंचा देते है।

यह सेवा पूर्ण रूप से निःशुल्क है  जिसे 241 दिन पूरे हो चुके है साथ ही हमारे द्वारा लाभार्थियों की पहचान भी सार्वजनिक नही की जाती है केवल  मंच को सहयोग करने वाले दान दाताओं के हाथों से  बुजुर्गों  के घर भोजन  देने भेजा जाता है।

लॉक डॉउन में 83 हजार जरूरमन्दों तक भोजन पैकेट पहुँचा चुका है स्वर्णिम भारत मंच

22 मार्च से ही स्वर्णिम भारत मंच द्वारा वृद्धजनो की सेवा के साथ साथ ऐसे जरूरमंद लोगो को भी  भोजन पहुंचा रहा है जिनकी रोजी रोटी लॉक डॉउन के कारण छीन गयी है ऐसे अधिक्तर परिवारों की मदद स्वर्णिम भारत मंच ने की है जो शर्म के कारण मदद मांगने भी नही  आ पाते है अभी तक स्वर्णिम भारत मंच    कुल 83 हजार भोजन पैकेट  का निर्माण करके वितरित कर चुका है।