कोरोना हारेगा, हम जीतेंगे ड्राइंग कम्पटीशन में 375 प्रतिभागियों ने भाग लेकर जीते पुरस्कार

कोरोना हारेगा, हम जीतेंगे ड्राइंग कम्पटीशन में 375 प्रतिभागियों ने भाग लेकर जीते पुरस्कार
उज्जैन। कोरोना महामारी में लॉकडाउन व सावधानियां ही बचाव के माध्यम हैं। उभरता राठौर समाज मिशन ने इस अवसर को सृजन व कोरोना के प्रति जागृति हेतु ऑनलाइन ड्राइंग कम्पीटीशन में विजेता की घोषणा की।
आर.एन. राठौर सामाजिक उत्प्रेरक ने बताया कि ९ राज्यों के 80 जगहों से 375 प्रतियोगियों ने भाग लिया। कोरोना महामारी पर एक से बढ़ कर एक चित्र भेजे। सभी चित्रों की प्रदर्शनी उभरता राठौर समाज के पेज पर प्रदर्शित की है, जिसे बयालीस हजार से अधिक लोगों ने देखा। निर्णायक मंडल के मूल्यांकन व फेसबुक के आधार पर अलग-अलग आयु समूह में विजेता बने हैं।
0 से 12 वर्ष आयु समूह के 160 चित्रों में से प्रथम पुरस्कार रु. 1500 विजेता अविका बोराना रतलाम, द्वितीय पुरस्कार रु. 1000 विजेता नैंसी राठौर बीकानेर राजस्थान, तृतीय पुरस्कार रु. 500 विजेता विनीता, इंदौर बनीं।
12 से 25 वर्ष बी ग्रुप में 175 चित्रों में से प्रथम पुरस्कार रु. 1500 विजेता मोहिता राठौर विदिशा, द्वितीय पुरस्कार रु. 1000 विजेता श्रीतिक राठौड़ के एहमदनगर महाराष्ट्र, तृतीय पुरस्कार रु. 500 विजेता प्रियल राठौर, उज्जैन बने।
25 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 40 चित्रों में से प्रथम पुरस्कार रु. 1500 विजेता गजेंद्र राठौर इंदौर, द्वितीय पुरस्कार रु. 1000 विजेता राजा राठौर कुक्षी धार, तृतीय पुरस्कार रु. 500 नेहा गहलोत, मंदसौर रहे।
फेसबुक पेज पर सबसे ज्यादा देखने वाले चित्र के चित्रकार रानू डगवार नीमच को रु. 500 का विशेष प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया। निर्णायक मंडल में श्रीमती निर्मला चौहान उज्जैन, एन.पी. राठौर भोपाल, राकेश राठौर ग्वालियर, श्रीमती सोनिका राठौर भोपाल, मोनिका राठौर विदिशा, ललित राठौर इंदौर, कमलेश राठौर जयपुर, श्रीमती नीतू राठौर अकोला, टीकाराम पलसूद थे। ऑनलाईन प्रतियोगिता के संचालन करने में मोहनलाल राठौर गौतमपुरा, राजेश सोलंकी खाचरौद, हरीश राठौर (लड्डू) इंदौर, मुकेश राठौर भोपाल, विजय राठौर कसरावद, दिलीप राठौर कसरावद, एड रामनिवास राठौर पोरसा, एन.के. सोलंकी आगर मालवा, अशोक राठौर (जावरा वाला) उज्जैन मोहनलाल राठौर साबू खेड़ी, खुमानसिंह राठौर विदिशा ने जिम्मेदारी निभाई।
ऑनलाइन प्रतियोगिता व विजेता घोषणा कार्यक्रम का संचालन इंजी उत्कर्ष राठौर और दीपक राठौर ने किया। आभार मोहन लाल राठौर ने माना।