उज्जैन। चुनौती को अवसर में कैसे बदला जाए इसकी मिसाल पेश की है नगर के एक प्रबुद्ध चिन्तक ने। कोरोना महामारी के कारण लम्बा खिंचा अवकाश जहां सबके लिए अभिशाप साबित हो रहा था वहीं लेखक चिन्तक डाॅ देवेन्द्र जोशी ने एक लाख लोगों तक अपनी शिक्षा प्रद और ज्ञान वर्धक टिप्पणियां पहुंचाकर इसे वरदान बना दिया। जब लाॅक डाउन के कारण सारे स्कूल कालेज शिक्षण संस्थान बन्द हैं ऐसे समय में गूगल के वोकल एप पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रश्न कर्ताओं के ऑन लाईन प्रश्नों का जवाब देकर डाॅ जोशी ने प्रधान मंत्री की लोकल के वोकल बनने की कल्पना को साकार कर समय के सदुपयोग की मिसाल कायम की
कोरोना आपदा की घडी में जब सब अपने - अपने घरों में रहते हुए लाॅक डाउन का पालन कर रहे हैं ऐसे समय में रचनात्मकता और अपनी प्रतिभा से किस तरह लोगों के ज्ञान और अनुभव में वृद्धि की जा सकती है इसकी एक मिसाल है डाॅ जोशी की यह उपलब्धि। प्रधान मंत्री ने लोकल के वोकल बनने की बात तीन दिन पहले कही लेकिन डाॅ जोशी ने लाॅक डाउन शुरू होते ही वोकल एप पर नियमित जिज्ञासाओं का साधान कर रहे हैं। इसके लिए बाकायदा वे सारी दुनिया से आमंत्रित प्रश्नों का ऑडियो विडियो के माध्यम से जवाब दे रहे हैं। जिसे खूब सराहा जा रहा है। खाली समय का सदुपयोग करते हुए गूगल प्लेस्टोर के वोकल एप पर एक माह में 500 से अधिक प्रश्नों का जवाब देकर एक लाख से अधिक विवर्स (दर्शक/ श्रोता) तक अपनी बात पहूंचाने का नया रिकार्ड बनाया है। इतनी कम अवधि में 600 से अधिक फालोअर्स इस एप पर जुटाने वाले डाॅ जोशी के उत्तर जनरल नाॅलेज, प्रतिस्पर्धी परीक्षा, शिक्षा, रोजगार, आजीविका, युवा मार्ग दर्शन और संस्कार शिक्षा पर आधारित हैं।