मेरे प्रिय लेखक और साहित्यकार (हिंदी वर्णमाला क्रमानुसार ) क्रमांक--62-- नामाक्षर--"श" --डॉ.शैलेन्द्र कुमार शर्मा-- जन्म--20अक्टूबर 1966,उज्जैन

मेरे प्रिय लेखक और साहित्यकार
(हिंदी वर्णमाला क्रमानुसार )
क्रमांक--62-- नामाक्षर--"श"
--डॉ.शैलेन्द्र कुमार शर्मा--
जन्म--20अक्टूबर 1966,उज्जैन
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विक्रमविश्वविद्यालय उज्जैन में कुलानुशासक और हिन्दी विभागाध्यक्ष आदरणीय "डॉ.शैलेन्द्र कुमार शर्मा" उस शख़्सियत का नाम है जो शिक्षा,साहित्य और संस्कृति की त्रिवेणी में गहराई तक पैठ बना चुके राजनीतिक पंक के मध्य से साहित्य-सृजन की पवित्र गंगा के अजस्त्र प्रवाह को लेकर आगे बढ़ते हैं और उसकी पवित्रता से अपने सम्पर्क में आने वाले हर अनुरागी को नित लाभान्वित करते जाते हैं|
यह आपके भीतर गहराई तक बसी हुई संवेदनाओं या यूँ कहे कि भावुकता का शाश्वत प्रवाह ही है कि इस साहित्य गंगा के निर्मल औदार्य को ग्रहण कर आपने उसे संपूर्ण भारत ही नहीं अपितु विश्व के अनेक देशों में प्रसाद की तरह वितरित किया है |मेरे विचार में डॉ.शैलेन्द्र कुमार शर्मा अपने देश और देश के बाहर भी (निर्विवाद रूप से) उज्ययिनी और विक्रम विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक राजदूत कहे जा सकते हैं |
📕हिन्दी भाषा और साहित्य से संबंधित विश्वविद्यालय स्तर की कई किताबों का लेखन और संपादन, देश-विदेश की महत्वपूर्ण और श्रेष्ठतम संस्थाओं से सम्बद्धता,देश-विदेशों में विभिन्न विषयों पर सैकड़ों व्याख्यान और परिसंवाद,75 से अधिक विद्यार्थियों को शोध निर्देशन,कई ख्यात सम्मानों और पुरस्कारों से विभूषित "डॉ.शैलेन्द्रकुमार शर्मा" का मालव माटी से होना हम सभी के लिए आनंद और गौरव की बात है |🎊
💟यह मेरे प्रति आत्मीय अनुराग ही था कि एक संक्षिप्त सी भेंट और छोटी सी विनती पर ही आपने मेरे दोनों काव्य संग्रहों "वह बजाती ढोल" (2015),और भाग -2 "सफर संघर्षों का"(2017)के विमोचन पर अपना गौरवमयी आतिथ्य प्रदान किया तथा अपने ओजस्वी और महत्वपूर्ण वक्तव्य से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया|आपका प्रिय होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है|🌹



📝मुख्य कृतियाँ--📚📚 "मालवा का लोक नाट्य माच और अन्य विधाएँ", "देवनागरी विमर्श", "शब्द शक्ति संबंधी भारतीय और पाश्चात्य अवधारणा तथा हिन्दी काव्यशास्त्र", "हिंदी भाषा और नैतिक मूल्य"आदि प्रमुख ग्रंथों सहित निबंध,आलोचना,भाषाशास्त्र,मालवी बोली आदि विषयों पर लगभग 35 पुस्तकें| इनके अतिरिक्त आपने "केन्द्रीय हिन्दी संस्थान" आगरा का "हिंदी-भीली अध्येता कोश" तैयार करने में भी संपादक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है |
🏆🏆मुख्य सम्मान/पुरस्कार--🔰🔰 "आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी सम्मान", "राष्ट्रीय कबीर सम्मान", "हिंदी सेवी सम्मान", "भाषा- भूषण सम्मान", "अक्षर आदित्य सम्मान", "साहित्य सिंधु सम्मान", "विश्व हिन्दी सेवा सम्मान" सहित कई महत्वपूर्ण एवं ख्यात सम्मान और पुरस्कार|
🎉🎉🎉आदरणीय डॉ.शैलेन्द्रकुमार शर्मा जी का आत्मीयअभिनंदन और स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की असीम मंगलकामनाएँ!