प्रदेश के समाचार पत्र आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं : शलभ श्रमजीवी पत्रकारों एवं कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिल पा रहा है : शरद कृपया अभी विज्ञापन जारी कराने के निर्देश दें : अली
प्रदेश के समाचार पत्र आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं : शलभ

श्रमजीवी पत्रकारों एवं कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिल पा रहा है : शरद

कृपया अभी विज्ञापन जारी कराने के निर्देश दें : अली

उज्जैन। कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान समाचार पत्रों तथा कार्यरत श्रमजीवी पत्रकारों एवं कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा है। एक तरफ सरकारी विज्ञापन नहीं के बराबर मिल रहे हैं, वहीं समाचार पत्रों के प्रसार बिलों का भुगतान भी पाठकों से संभव नहीं हो पा रहा है। निजी व अन्य विज्ञापन भी लॉकडाउन की स्थिति में नहीं मिल पा रहे हैं। इस चिंताजनक स्थिति में प्रदेश सरकार त्वरित कदम उठाकर समाचार पत्रों की माली हालत सुधारने पर विचार करें एवं लंबित बिलों के भुगतान करने संबंधी निर्देश जारी करें, ताकि नियमित रूप से विज्ञापन जारी हो सकें।

मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रांताध्यक्ष साथी शलभ भदौरिया ने मुख्यमंत्री को टयुट हेंडिल पर भेजे पत्र में यह मांग करते हुए बताया कि सम्पूर्ण विश्व के साथ हमारे देश व प्रदेश की स्थिति भी विकट है, जिसका प्रभाव अन्य क्षेत्रों के साथ समाचार जगत की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ा है, जिस पर ध्यान दिया जाना अत्यंत आवश्यक है।

पत्र में संगठन के प्रांताध्यक्ष शलभ भदौरिया, वरिष्ठ मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष साथी शरद जोशी, मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष साथी मोहम्मद अली एवम् महासचिव साथी सुनील कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पिछली कमल नाथ सरकार ने तो विज्ञापन ही नहीं दिए और यदि दिए भी तो अपने पसंद के लोगों को दिए और उनके भुगतान भी कर गए, लेकिन उन्होंने आपकी सरकार के कार्यकाल में दिए गए विज्ञापनों के भुगतान नहीं किए। उनका कहना था कि बीजेपी की सरकार के समय के भुगतान हम क्यों करें? जिसके कारण मध्य प्रदेश के सभी छोटे मझौले समाचार पत्र बहुत बड़े आर्थिक संकट में हैं। इतना ही नहीं समाचार पत्रों से जुड़े श्रमजीवी पत्रकारों एवं अन्य कर्मचारियों को फरवरी-मार्च और अप्रैल माह के वेतन भी नहीं मिले हैं।

मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के वरिष्ठ मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष साथी शरद जोशी ने बताया कि हाल ही में गुजरात की बीजेपी सरकार एवं अन्य राज्य सरकारों ने मार्च तक का पूरा भुगतान करने का निर्णय ले लिया है। आपसे भी आग्रह है कि मध्यप्रदेश में भी आप 30 मार्च 2020 तक के सभी छोटे मंझोले समाचार पत्रों के लंबित विज्ञापन बिलों का भुगतान करने का कष्ट करें। साथ ही मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष साथी मोहम्मद अली ने भी स्मरण कराते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि आपको विदित ही है कि पिछले 2 माह से समाचार पत्रों के प्रसार एवं विज्ञापन की आय लगभग खत्म हो गई है। ऐसी दशा में पिछले वर्ष मध्यप्रदेश शासन ने जिस राशि के विज्ञापन जिस माह में जारी किए हैं, उतने ही विज्ञापन जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती है, तब तक जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी किए जाए। कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रिंट मीडिया भी अन्य मीडिया की ही तरह सबसे प्रभावी और सशक्त तरीके से जनता और सरकार को सहयोग कर रहा है। आम जनता में इसकी विश्वसनीयता भी इस दुष्काल में बढ़ी है।

मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के महासचिव साथी सुनील कुमार त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए आशा व्यक्त की है कि इस कठिन समय में आप जनसंपर्क विभाग एवं सभी शासकीय विभागों को 30 मार्च 2020 तक के समाचार पत्रों के लंबित बिलों का भुगतान करने के निर्देश जारी करें। साथ ही हर माह अतिरिक्त विज्ञापन जारी करने के लिए निर्देशित भी दें, ताकि समाचार पत्रों से जुड़े हजारों श्रमजीवी पत्रकारों एवं कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन का भुगतान हो सके।