आन‌लाइन कवि गोष्ठी में बही कविता की रसधार


उज्जैन। कवि मित्र काव्य सृजन संघ की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन शनिवार को संपन्न हुआ जिसमें प्रमुख अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि साहित्यकार  डॉ देवेन्द्र जोशी उपस्थित थे। विशेष अतिथि के  रूप में आचार्य शैलेन्द्र शर्मा, ‌प्रभाकर शर्मा, लीलाधर शर्मा का सतत् मार्गदर्शन मिलता रहा ।

सर्वप्रथम शंखनाद,माँ वाग्देवी के समक्ष दीप प्रज्वलन पश्चात कु. सृष्टि जोशी द्वारा माँ सरस्वती वंदना प्रस्तुत की,और फिर रचनाकारों द्वारा विभिन्न विधाओं पर अपनी रचनाए प्रस्तूत की । रचनाकारों में कवि श्री विजय शर्मा शुक्ल,कवि दिलीप जोशी,कवि इंजि. दीपक शर्मा,श्री अनिल शर्मा,श्री दीपक दिलवाला,कवियत्री श्रीमती सुनीता राठौर,कवियत्री श्रीमती अनिता.सोहनी,कवि श्री वनोद गुर्जर, श्री नंदकोशोर पांचाल, श्री केशरसिंह राठौड़,श्री सत्यनारायण नाटाणी,सत्येंद्र, श्री रोहित डांगी,श्री गोविंद जी एवं पं. विशाल शर्मा ने अपनी अनुपम प्रस्तुति देकर दाद बटोरी ।कवि विजय शर्मा ने मैं ढूंढता हूँ,मैं पूछता हूँ...भटकता हुआ मैं सदा गूंजता हूँ । दिलीप जोशी ने कह ना पाये तुम्हे बात मन की कभी...पर यकीं है कि तुम तक पहूँच जायेगी । इंजि. दीपक शर्मा ने मैं भारत के वीरों को अपना प्रणाम पहूचाता हूँ ।अनिल पांचाल ने अपनी रचना के माध्यम से पावन नगरी उज्जैन के दर्शन करवा दिये ।श्रीमती सुनीता राठौर द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ.. बेटी आन है, बेटी घर की शान है...पढ़कर बेटी को महत्व दिया है उधर श्रीमती अनिता सोहनी ने चंदा रूक जा,धीरे धीरे,चलती रहने दे रात...गाकर चंदा से अपने मन की बात कही । श्री सत्येंद्र ने माँ की वंदना में कहा कि ..वीणा के स्वर जब शब्द बन लय ताल बन जाते...तब माँ सरस्वती के दर्शन होते ।

कार्यक्रम का संचालन श्री दिलीप जोशी ने किया और आभार श्री विजय शर्मा ने व्यक्त किया । 

संघ में मौजूद वरिष्ठ कलम साधकों के सानिध्य में संघ के नवीन कलमकारों का उत्साह वर्धन होने से उनमे नया लिखते रहने की प्रेरणा मिलती रहती है ।