*आया कोई इधर तो सलामत ना जाएगा*
उज्जैन : चीन वो देश है जिसने सौहार्द वार्ता का कागज़ी फूल सामने रख कर अपनी आस्तीन के खंजर को हमेशा छुपा रखा है। हमें अब हमेशा के लिए इस धोके से बाहर अा कर चीन को जवाब देना होगा।
यह बात क़लम आवाज इंटरनेशनल के अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय शायर अहमद रईस निज़ामी ने कही है। आपने कहा कि सीमाओं के रक्षक जवानों के ख़ून का एक कतरा भी व्यर्थ गवारा नहीं किया जाना चाहिए। हमारी सरकार को सख़्त कार्यवाही करते हुए इस समस्या का अब स्थाई समाधान करना चाहिए।
निज़ामी ने कहा :
*आंखों में आंखें डाल के कह दीजिए उसको*
*कब तक हमारे सब्र को वो आजमाएगा* *नापाक इरादे लिये सरहद के पार से* *आया कोई इधर तो सलामत ना जाएगा*
निज़ामी ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा एक ऐसा विषय है जो हमारे व्यक्तिगत स्वार्थों से बहुत ऊपर उठ कर है, हम अपने स्वार्थों, आवश्यकताओं और महत्वकांक्षाओं को त्याग कर देश की रक्षा के लिए समर्पित हैं। देश की सरकार, हमारी सेना हमें जब और जहां आवाज़ देगी हम हमेशा तैयार हैं, हमारा अनुरोध है कि अब करारा जवाब दिया जाना चाहिए।