गीतों के माध्यम से संगीतकार आर.डी. बर्मन को जन्मदिन पर दी श्रद्धांजलि
गीतों के माध्यम से संगीतकार आर.डी. बर्मन को जन्मदिन पर दी श्रद्धांजलि

उज्जैन। महान संगीतकार आर.डी. बर्मन दादा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में स्वर संगीत के माध्यम से गीतों के द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई। लॉकडाउन के कारण प्रत्यक्ष कार्यक्रम संभव नहीं हो पाने के कारण फेसबुक लाइव के माध्यम से इसका प्रसारण किया गया।

शहर के नवीन एवं स्थापित कलाकारों द्वारा आर.डी. बर्मन की दिलों को छू लेने वाली धुनों से सराबोर कार्यक्रम में श्रीमती तृप्ति वैद्य, प्रशांत सोहले, श्रीमती ऋचा जैन, गौरव गड़करी, नीलेश फड़निस, गिरीश फड़निस, सचिन तांबे के अलावा शहर ही नहीं, देश के अन्य हिस्से से भी किशोर कुमार भक्त रूप में जाने जाने वाले सुनील बामनिया ने गीतों की प्रस्तुति दी। गायन की शृंखला में अभय अरोंदेकर ने मुसाफिर हूँ यारो, तृप्ति वैद्य ने आजकल पांव जमीं पर नहीं पड़ते मेरे, गौरव ने गुलाबी आंखें जो तेरी देखी, प्रशांत सोहले ने एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा, ऋचा ने क्या जानूँ सजन जैसे गीतों से कार्यक्रम को सजाया। फेसबुक लाइव के माध्यम से एक लाख से अधिक लोगों ने इस कार्यक्रम को फेसबुक पर सराहा। संचालन सुहास वैद्य ने बर्मन साहब के गीतों एवं उनके प्रसंगों को सुनाकर किया। स्वर संस्था का उद्देश्य नए एवं स्थापित कलाकारों को संगीत एवं स्वर के क्षेत्र में मंच देने का अवसर प्रदान करना है। यह जानकारी तृप्ति वैद्य ने दी।