प्रवेश में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत !
प्रवेश में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत !

 उज्जैन- अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए इस निर्णय का स्वागत करती है सर्वोच्च न्यायालय के तीन माननीय जजों की खंडपीठ द्वारा एक राय से दिया गया यह फैसला कि तमिलनाडु मेडिकल शिक्षा में प्रवेश में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है तथा संविधान के अनुच्छेद 32 का उल्लंघन नहीं होता है इस फैसले का स्वागत करते हुए  अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुरेंद्र सिंह तोमर एवं राष्ट्रीय महामंत्री राजेश सिंह कुशवाह ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आरक्षण के संबंध में सही व्याख्या को प्रतिपादित किया है जिसका देश में सभी वर्गों द्वारा स्वागत होना चाहिए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करती है तथा सभी राजनीतिक दलों

केंद्र एवं राज्य सरकारों से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय का पालन करने का आग्रह करते हुए इसमें किसी भी प्रकार के संशोधन अथवा परिवर्तन ना करने के लिए सरकार को सचेत करती है 

जरूरतमंदो को आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जाना चाहिए, जातिगत आरक्षण बेबुनियाद है जातिगत आरक्षण के विरुद्ध अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का संघर्ष लगातार जारी है राजनीतिक दल अपने वोट बैंक के लिए यदि अब भी आरक्षण पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन नहीं करते हैं तो अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा अन्य सामान्य व पिछड़ा वर्ग को साथ लेकर देशव्यापी आंदोलन प्रारंभ करेगी "याचना नहीं अब रण होगा संघर्ष महा भीषण होगा"