अशासकीय क्षेत्र के शिक्षकों की समस्याओं के लिए पीएमओ ने अधिकारी नियुक्त किया
उज्जैन। 'एनजीटीओÓ नॉन गवर्नमेंट टीचर्स आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय सचिव आलोक नागर ने बताया कि 'एनजीटीओÓ निजी शिक्षा क्षेत्र के शिक्षक व कर्मचारियों का एकमात्र पंजीकृत 'राष्ट्रीयÓ संगठन है। संगठन ने प्रधानमंत्री को 4 जुलाई को एक पत्र लिखकर निजी शिक्षण संस्थाओं के शिक्षक व कर्मचारियों के अनुचित निष्कासन को रोकने, उनका बकाया वेतन दिलाने और कोविड-१९ से उत्पन्न आपातकाल के लिए राहत पैकेज की मांग की थी। साथ ही इस पत्र के माध्यम से संगठन को देश के अनेक भागों से निजी शिक्षण संस्थाओं में कार्य करने वाले शिक्षक व कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न करने एवं निष्कासन की लगातार शिकायतें मिल रही है। इस कारण से देशभर के करोड़ों शिक्षक भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और सब्जी बेचने या मजदूरी करने पर मजबूर हो रहे हैं। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि इस विषम परिस्थिति में निजी शिक्षण संस्थाओं में कार्य करने वाले कर्मचारियों को आर्थिक राहत प्रदान करे और शिक्षा बोर्ड जैसे राज्य शिक्षा व सीबीएसई/यूजीसी/एनसीटीई व अन्य सम्बंधित विभागों द्वारा निर्धारित कर्मचारी सेवा नियमों के पालन हेतु कठोर कार्यवाही सम्बंधित विभागों द्वारा निर्धारित कर्मचारी सेवा नियमों को कठोरता से पालन करवाने एवं एन.जी.टी.ओ. द्वारा केंद्र व राज्य सरकारों से निजी शिक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अलग से एक शिकायत निवारण विभाग बनाने व निजी शिक्षण संस्थानों के पंजीयन दस्तावेजों, मान्यता सम्बन्धी दस्तावेजों और कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन व अन्य सुविधाओं की ग्राउंड लेवल पर निष्पक्ष जाँच की मांग की गयी है, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने 'एनजीटीओÓ से अशासकीय क्षेत्र के शिक्षकों व कर्मचारियों की समस्याओं पर विचार-विमर्श करने के लिए एक अधिकारी नियुक्त कर दिया है। उक्त अधिकारी 1 माह के भीतर 'एनजीटीओÓ से विचार-विमर्श कर प्रधानमंत्री जी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।