ये करिश्मा वो जमाने को दिखाने आया, वो हवाओं को चरागों में जलाने आया- नरेन्द्र सिंह अकेला चन्द्र शेखर आजाद की जयंती पर युवा जागृति मंच द्वारा आयोजित काव्यांजलि में बही काव्यधारा

ये करिश्मा वो जमाने को दिखाने आया, वो हवाओं को चरागों में जलाने आया- नरेन्द्र सिंह अकेला
चन्द्र शेखर आजाद की जयंती पर युवा जागृति मंच द्वारा आयोजित काव्यांजलि में बही काव्यधारा
उज्जैन। चन्द्र शेखर आजाद की जयंती पर युवा जागृति मंच द्वारा आयोजित काव्यांजिल में ख्यातनाम कवियों व शायरों ने काव्य पाठ किया। स्थानीय नयापुरा स्थित ओसवाल धर्मशाला में आयोजित इस काव्य समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर आजाद की जयंती पर उन्हें काव्य पुष्प अर्पित किये गये। कार्यक्रम की शुरूवात माॅं सरस्वती तथा चन्द्रशेखर आजाद के चित्र पर माल्यापर्ण कर सिराज एहमद सिराज द्वारा सरस्वती वंदना से की गई।
सर्वप्रथम कवि एवं पत्रकार डाॅ.मोहन बैरागी ने रिश्तों में आ रहे बदलाओं पर समर्पण बदले गीत पढा, इसके बाद राष्टीय गीतकार सतीश सागर ने चराग पढ के अंधेरों से लडा करता हु, तुम अपने बच्चों को पालों या लगाओं पौधे, मैं क्रांतिकारी विचारों को बढा करता हुॅ,पढा। अगले क्रम में वीर रस के कवि विश्वास खंडहर ने देशभक्ति गीत पढा। इसके बाद गीतों के हस्ताक्षर शुभम शर्मा ने हाथ जोडकर शिश झुकाए, करें उन्हीं का वंदन, जिनका लहू बना हैं चंदन पढकर वाहवाही बटोरी। अगले क्रम में वीर रस के बडे कवि अनुज पांचाल ने तिरंगा गीत पढा, जिस पर तालियों की गडगडाहट से उनका उत्साह वर्धन किया गया। प्रख्यात कवि सौरभ चातक ने अपने मुक्तक और माॅं पर रचना पढी। गजलकार अप्रतुल शुक्ल ने राष्ट के गीत गाते चले पढकर राष्ट भक्ति का जोश जगाया। इंजिनिर रवि नगाईच ने पदचिन्ह जिनके जमाने को याद रहंेंगे, आजाद थे आजाद है, आजाद रहंेगें पढा। वरिष्ठ कवि पी एन पथिक ने सैनिक की भावनाओं पर गीत पढा जिससे वातावरण को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे नरेन्द्र सिंह अकेला ने, ये करिश्मा वो जमाने को दिखाने आया, वो हवाओं को चरागों में जलाने आया, जिसने गत वर्ष कटाये थे जंगल, वो मेरे गांव में एक पौधा लगाने आया पढकर माहौल को रसमय बना दिया। कार्यक्रम के अंत में सिराज एहमद सिराज ने वंदे मातरम गीत पढकर देशभक्ति से काव्य अनुष्ठान किया। इस प्रकार कार्यक्रम की शुरूवात माॅ सरस्वती की वंदना तथा समाप्ति देश वंदना से की।
इस अवसर पर समस्त कवियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरूवात में संस्था परिचय संस्था अध्यक्ष शेखर जी ने दिया। काव्याजंलि में आभार श्री दौलत जी माना। कार्यक्रम के अंत में मप्र के राज्यपाल के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रृंद्धांजलि अर्पित की गई।