*4 अगस्त से महाविद्यालय खुलने के उच्च शिक्षा विभाग के आदेश का अतिथि विद्वानों ने किया स्वागत* *अनिश्चित भविष्य,आर्थिक बदहाली के बावजूद अतिथि विद्वान शासन प्रशासन के साथ*
*4 अगस्त से महाविद्यालय खुलने के उच्च शिक्षा विभाग के आदेश का अतिथि विद्वानों ने किया स्वागत*

*अनिश्चित भविष्य,आर्थिक बदहाली के बावजूद अतिथि विद्वान शासन प्रशासन के साथ*

4 अगस्त से पूरे शैक्षणिक स्टाफ को कॉलेजों में उपस्थिति होने के सरकार के आदेश का महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान महासंघ ने स्वागत किया है और सरकार को समर्थन देते हुए कहा है कि ये उच्च शिक्षा विभाग का आदेश स्वागत योग्य है।सरकार फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों को सेवा में वापस ले,हम सरकार के द्वारा सौपें गए सभी दायित्वों के निर्वहन को तैयार हैं।हमारा संगठन शासन प्रशासन के इस कदम का स्वागत करता है,जैसा आज पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष में कोरोना की महामारी फैली हुई है और सरकार हर एक वो उपाय कर रही है जो इस महामारी से आम जन को बचाया जा सकता है,आज खुद पूरा सिस्टम बिगड़ चुका है सत्र पीछे हो गया है और 12 वीं का रिजल्ट भी आ गया है तो इस परिस्थिति को देखते हुए सरकार का यह निर्णय छात्र हित में स्वागत योग्य है कि कॉलेेज खुले और स्टाफ आए और कार्य करे जिससे सत्र प्रभावित न हो।संघ के अध्यक्ष व मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है और उन्होंने सभी अतिथि विद्वानों,कर्मचारी अधिकारी से अनुरोध किया है कि ऐसी परिस्थिति में शोसल डिसटेंसिंग का पालन करते हुए अपना कर कार्य करें और सरकार के निर्णय का स्वागत करें।

*8 माह 1800 फालेन आउट अतिथि विद्वानों की तत्काल सेवा बहाली करें हम सरकार के साथ*

पिछले 8 महीने से व्यवस्था से बाहर हैं अतिथि विद्वान और माननीय शिवराज जी की सरकार बने हुए 4 महीने हो चुके हैं लेकिन सरकार ने अतिथि विद्वानों को सेवा में वापस लेने की दिशा में एक भी कदम अभी नहीं बढ़ाया है।जबकि 1250 अतिथि विद्वानों की च्वाईस फिलिंग की प्रक्रिया पिछली कमलनाथ सरकार में ही हो गई थी बस लिस्ट निकलना शेष रह गया था।संघ के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने सरकार के 4 अगस्त से कॉलेज खुलने का स्वागत करते हुए अनुरोध किया है कि बिना देर किए आप 1250 विद्वानों की लिस्ट जारी करें और सभी अतिथि विद्वानों को व्यवस्था में लेते हुए नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करें हम सब अतिथि विद्वान बहुत ही परेशान है।आज हर सरकारी कर्मचारी हर विभाग सरकार के साथ इस महामारी में जंग लड़ रहा है वहीं अतिथि विद्वान शोसल मीडिया,मैदान में,गली मोहल्ले शहर गांव में सरकार की गाईड लाईन को आम जन को बताते आ रहें हैं लेकिन अतिथि विद्वानों की तरफ सरकार ध्यान नहीं दे रही है।

*शासन की गाईड लाईन को मानते हुए 4 अगस्त से महाविद्यालय खुलने का स्वागत*

मोर्चा के प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि जिस मुद्दे पर शिवराज सिंह चौहान जी वा ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को सत्ता मिली उनकी कैबिनेट बनी उस चर्चित महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों को सेवा में लेते एम सरकार को हमारे बारे में सोचना चाहिए नियमित करना चाहिए।