मातृभूमि को स्वर्ग से भी ज्यादा मूल्यवान मानने वाला देश है भारत  -कुलपति प्रो.शर्मा विक्रम विश्वविद्यालय में सोल्लास मना स्वाधीनता दिवस
मातृभूमि को स्वर्ग से भी ज्यादा मूल्यवान मानने वाला देश है भारत  -कुलपति प्रो.शर्मा

 

विक्रम विश्वविद्यालय में सोल्लास मना स्वाधीनता दिवस

 

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय में स्वाधीनता दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में कुलपति प्रो.बालकृष्ण शर्मा द्वारा ध्वजारोहण किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि प्राचीन विद्या भूमि उज्जैन की पावन धरा पर सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं अभिनंदन। हमारा देश सदियों से मातृभूमि को स्वर्ग से भी ज्यादा मूल्यवान मानने वाला देश है। हमें इस पावन पुण्यभूमि पर अभिमान होना चाहिए। आज का दिन इस देश के नए सपनों को साकार करने के लिए शहादत देने वाले अमर सेनानियों की याद दिलाता है। ज्ञात और अज्ञात अमर वीरों को मैं पूरे विश्वविद्यालय परिवार की ओर से हार्दिक श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ।

 

विक्रम विश्वविद्यालय प्रगति के नए सोपानों पर निरंतर गतिशील बना हुआ है। नैक द्वारा ‘‘ए’’ ग्रेड की उपलब्धि के बाद हम सम्पूर्ण विकास के साथ-साथ शैक्षिक गुणवत्ता-वृद्धि के लिए सभी दिशाओं में गतिशील बने हुए हैं। नैक द्वारा मूल्यांकन के लिए आगामी चरण की तैयारी प्रारम्भ हो गई है। विश्वविद्यालय में गोपनीय एवं परीक्षा भवन का निर्माण लगभग 5 करोड़ की लागत से कराया गया है। छात्रों के लिए 125 कक्ष युक्त नवीन छात्रावास भवन पूर्णता की ओर है। एस.ओ.ई.टी. के लिए पूर्व के भवन के पीछे पर्याप्त सुविधा सम्पन्न नवीन भवन का निर्माण करवाया जा रहा है। एंटी प्लैगेरिज्म सॉफ्टवेयर के माध्यम से शोध में गुणवत्ता वृद्धि के व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं।

विश्वविद्यालय द्वारा अपने संसाधनों से बजट में वर्कशाप, सेमीनार के लिए विशेष प्रावधान किया गया। नये पाठ्यक्रमों के अन्तर्गत कम्प्यूटर विज्ञान संस्थान में दस व्यवसायोन्मुखी पाठ्यक्रम एवं समाजशास्त्र अध्ययनशाला में दो नवीन पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये जा रहे हैं। अध्यापन से लेकर परीक्षा परिणामों तक यह विश्वविद्यालय पूरे प्रदेश में अग्रगण्य बना हुआ है। 

 

आज का दिन स्वाधीनता पर्व का उल्लास मनाने के साथ राष्ट्र और समाज के प्रति सम्पूर्ण निष्ठा और समर्पण का दिन है। हमारे अमर वीरों ने समाज के हर स्तर पर स्वराज्य को साकार करने का सपना देखा था। हम सबके लिये राष्ट्र सबसे पहले होना चाहिए। आज का यह पर्व इसी भाव को जगाता है। हमें विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश होने का गर्व है।   इस स्वाधीनता दिवस की पुण्य बेला पर आइए हम भारत को उत्तरोत्तर उत्कर्ष पर ले जाने की शपथ लें। पूरी शक्ति के साथ देश, समाज और अपने विश्वविद्यालय को समर्थ करने में जुट जाएँ।

 

प्रारंभ में कुलपति प्रो.बालकृष्ण शर्मा, पूर्व कुलपति प्रो. रामराजेश मिश्र, कुलसचिव डॉ. डी.के. बग्गा ने सम्राट विक्रमादित्य के मूर्तिशिल्प पर पुष्पांजलि एवं विक्रम तीर्थ सरोवर के जल से अभिषेक किया।  विश्वविद्यालयीन महिला कर्मियों ने राष्ट्रगान एवं कुलगान की प्रस्तुति की। अतिथियों की अगवानी विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ. आर.के. अहिरवार, कुलानुशासक डॉ.शैलेन्द्र कुमार शर्मा, रासेयो समन्वयक डॉ.प्रशांत पुराणिक, एन.सी.सी.अधिकारी डॉ. कानिया मेड़ा, रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी डॉ.राज बोरिया आदि ने की। समारोह में विश्वविद्यालय के शिक्षक वृन्द, अधिकारीगण, कर्मचारीगण, एन.सी.सी. कैडेट उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन डा. रूबल वर्मा ने किया।