बोहरा समाज के युवाओं के प्रयासों से बची कहीं लोगों की जान- 14 घंटे का रोजा कर रहे मदद

उज्जैन। बोहरा समाज के युवाओं 14 घंटे के रोजे रखने के बाद भी कड़कती धूप में इंसानियत और एक-एक सांस के लिए तड़पते हुए हर रोज मरते सैकड़ों लोग। फिर भी बोहरा समाज की बाबजी सिलेंडर कमेटी का मिजाज बदलता नहीं दिख रहा है। उनकी कोशिशें इस उम्मीद को ताकत देती नजर आ रही हैं कि यह काली रात गुजरेगी और नई सुबह जरूर आएगी। अबिज़र भाई बंगला वाला ने बताया कि हमारी पूरी टीम अपनी जान जोखिम में डालकर कहीं लोगों की जान बचा चुके हैं। बोहरा समाज के युवाओं ने शहर में दिक्कतें देखते हुए यह कदम उठाकर समाज सेवा करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे कहीं समाज के लोग उनके साथ जुड़ गए। जब लोग एक-एक सांस के लिए तरसने लगे तो इन बाबजी कमेटी के युवाओं ने लोगों को मुफ्त में आक्सीजन सिलेंडर देना शुरू किया। इसके लिए खुद आक्सीजन के बड़े सिलेंडर जुटाते हैं और आक्सीजन को छोटे सिलेंडर में भरकर जरूरतमंदों को देते हैं। पिछले साल भी कोरोना से बचाव के लिए कहीं लोगों की मैदान में उतर कर मदद की थी इस अभियान से जुड़े हुजैफा भाई   घोड़ी वाला कहां की उज्जैन गलियों का शहर है। ऐसे में अस्पताल तक मरीज को पहुंचाने में कई घंटे लग जाते हैं। पिछले वर्ष इसकी खास आवश्यकता नहीं पड़ी। हमने जंबों सिलेंडर खरीदे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों की मदद कर सकें। हर समाज के लोगों को निशुल्क सिलेंडर दिया जा रहा है। वहीं, अब तक बड़ी तादाद में लोगों को आक्सीजन के माध्यम से मदद पहुंचा चुके हैं। शब्बीर, अबिज़र, हुजैफा, ताहेर, मुकर्रम, मुर्तुजा, मुस्तान, मुफद्दल, युसूफ, बुरहान, सब मिलकर अपनी सेवा दे रहे हैं