✍जलवा🏹........"तड़तड़ी"


"कॉफी विथ बाबा महाकाल"...


सभी जल्वेदारों को जलवा प्रणाम।🙏
सबसे पहले मैं उस पवित्र आत्मा की शांति की कामना करता हूँ , जिन्होंने पवित्र श्राद्ध पर्व के पहले ही दिन अपने प्राण त्याग दिए और उनकी बेवक्त इस देवलोकगमन का कारण कौन हैं ये हम आगे पढ़ेंगे......चलिए शुरू करते हैं आज का जलवा....शनिवार शाम को मैं क्षिप्रा मैया के दर्शन करके वापस लौट रहा था कि तभी मुझे हमेशा की तरह ही अमृतमयी आवाज़ सुनाई दी..... जय बेटा जय...... मैं पहले तो अनसुना करके आगे बढ़ गया लेकिन फिर से वही पुकार मेरे कानों पर पड़ी..... बेटे जय ....बेटे जय...
अब मैंने अपनी गाड़ी रोकी और इधर उधर देखते ही मैं समझ गया कि ये राजाधिराज बाबा महाकाल की ही आवाज़ है और मैं उनकी शरण में पहुँच गया... इसके बाद हमारी वार्तालाप कुछ यूं शुरू हुई.................


बाबा..... आओ बेटे जय ....तुम तो आजकल इधर का रास्ता ही भूल गए हो ...तुम्हें मिलने के लिए बुलाना पड़ता है....चलो बताओ क्या लोगे मेरी "ठंडाई" कि तुम्हारी वो "कॉफी"?
मैं.... बाबा बारिश बहोत हुई है और मौसम भी ठंडा है ऐसे में गर्मागर्म कॉफी में ही मजा आएगा...आगे आप जैसा चाहें.....


बाबा.... चलो तो फिर कॉफी ही पीते हैं......


और इस तरह कॉफी की चुस्कियों के बीच हमारी वार्तालाप शुरू हुई.....


बाबा... बेटे तुमने मेरे प्रश्न का जबाव नहीं दिया कि तुम आजकल आते नहीं यहाँ.....
मैं.... बाबा ऐसी बात नहीं है बस एक तो स्वास्थ कुछ नरम रहता और यहाँ आपके दरबार में जो कुछ चल रहा है वो आपसे छुपा हो सकता है लेकिन आम दर्शनार्थियों और हम (पत्रकारों) से छुपा हुआ नहीं है। ये मंदिर के बाहर से लेकर अंदर तक भृष्टाचारियों की दुकानदारी चल रही है...वो भी आपके सामने ही...ऐसे में हम जैसे आपके भक्त आप से दूर होते जा रहे हैं.......


बाबा....  बेटे जय ऐसे कोई नहीं है कि मुझसे कुछ छुपा हुआ है मुझे सब पता है और मैं सब देख रहा हूँ...और समय आने पर सब करता हूँ। हाँ ये जरूर है कि मैं थोड़ा समय लगाता हूँ और वैसे भी तुम लोग कहते हो ना कि "भगवान के घर देर है अंधेर नहीं"...
मैं.... लेकिन पिछले कुछ समय से देखने में आया है कि यहाँ तो सारे भृष्टि मिल कर खेल खेलते रहते हैं और बेचारी जनता को जनार्दन के नाम पर जम कर लूटते हैं......


बाबा.... हाँ ये सही है लेकिन इनका हिसाब किताब चित्रगुप्त जी सब अपने बहीखातों में लिख रहे हैं इनके कर्मों के हिसाब से इन्हें परिणाम भी भुगतने होंगे ...उस समय इनकी भृष्टाचारि की काली कमाई भी इन्हें नहीं बचा पाएगी.....मुझे पता है यहाँ छोटे से लेकर बड़ा और अंदर से लेकर बाहर तक का एक एक व्यक्ति लिप्त है जिसमें कुछ पंडे पुजारी,अधिकारी कर्मचारी,मीडिया का चोला ओढ़े बहरूपिए, नेता ,नेताओं के व्यक्ति,टैक्सी, ऑटो चालक,हार फूल बेचने वाले, होटल लॉज के संचालक सब की मिलीभगत है।
मैं.... लेकिन बाबा भृष्टाचार की इस पूरी व्यूह रचना में लुटने के बाद एक बाहरी दर्शनार्थी क्या संदेश लेकर जाता होगा....इस पतित पावन आपकी नगरी  से.......


बाबा... बेटे तुम्हारी बात तो ठीक है लेकिन ये तो जिम्मेदारों को सोचना चाहिए...जो व्यवस्था बनाते हैं...हद तो तब हो जाती है बेटे जब एक भृष्ट जिसे मंदिर की दानपेटी से चोरी करते रंगे हाथ पकड़ा जाता है और वो कुछ समय बाहर रह कर वापस यहीं अपनी कारगुजारियों को अंजाम देने लगता है...तांबा, सोना,चाँदी, कांड के अलावा अन्न चोरी कांड के आरोपियों पर अब तक जिम्मेदारों ने क्या कार्यवाही की अब तक....हालांकि उक्त कारगुजारियों के कर्ताओं के क्या हाल हुए उनसे पूछो जा कर.......
मैं... बाबा सूत्र बताते हैं कि मंदिर की जमीन का भी कुछ नहीं हुआ कोर्ट के आदेश के बाद भी.....


बाबा..... हाँ बेटे जय मुझे याद है तुमने ही कुछ समय पहले भी ये मुद्दा उठाया चिंतामन मार्ग पर स्थित मंदिर समिति की ज़मीन का ...जिस पर किसी व्यास का कब्ज़ा है और वो साल में तीन फसल भी उसी ज़मीन से ले रहा है....जबकि न्यायालय से उसका फ़ैसला समिति के पक्ष में आ चुका है....ऐसे कई मामले हैं....तुम तो ये पता लगाओ कि जिम्मेदार दर्शनार्थियों को एक छोटी से गली नुमा सकरें मार्ग से क्यों वाहन निकालने पर मजबूर करते हैं जबकि उससे पहले बेगमबाग वाला मार्ग जिसे सिंहस्थ में चौड़ा किया गया था उसका इस्तेमाल पार्किंग तक आने जाने पर क्यों नहीं करवाते......
मैं.... (बाबा के इस सवाल पर मैं हंस दिया इस पर बाबा भी हंस दिए)


बाबा.... बेटे तुम मेरे सवाल पर हंसे क्यों?????
मैं... बाबा आप भी ....आप तो अंतर्यामी हो और मुझसे ही पूछ रहे हो....वो क्या है कि मुझे ये लगता है कि एक संस्था (संगठन) विशेष के नवनिर्मित मंदिर को फायदा पहुंचाने को लेकर किया जा रहा है। हालांकि प्रभु आपने आदेश दिया है तो इसकी तह तक जरूर जाऊंगा मैं......


हम कॉफी की चुस्कि लेकर चर्चा कर ही रहे थे कि अचानक मेरा मोबाईल खड़खडाया और एक खबर से मैं विचलित हो उठा.......


बाबा..... क्या हुआ बेटे जय तुम फोन आने के बाद कुछ विचलित दिखाई दे रहे हो....किसका फोन था ...क्या बात है????
मैं... कुछ नहीं बाबा मेरे सखा और निर्भीक पत्रकार प्रमोद व्यास जी का फोन आया था उन्होंने बताया कि एक पवित्र आत्मा टाईगिरी बाबा का देवलोकगमन हो गया है....वो कॉफी बैचेन से पिछले कुछ समय से...


बाबा... हाँ मुझे पता है कि उन्हें भृष्टाचारियों ने इस मुक़ाम तक पहुंचाया है और इसी टेंशन में उनका देहावसान हुआ है...एक बगीचे को नगर निगम के जिम्मेदारों और नेता ने बेच खाया और अब इस बाबा की पट्टे की  ज़मीन जो गरीबों की एस सी बी की ज़मीन होती है उसे उस चोरी हुए गार्डन की ज़मीन बता रहे हैं और सबने मिलीभगत करके उसे बगीचे की ज़मीन दर्शा कर बाबा को नोटिस दिया था और उसी से बाबा की तबियत बिगड़ी और पुष्पामीशन में उन्होंने अंतिम सांस ली.....
मैं..... अब इस मामले में बाबा आप क्या कहेंगे .....क्या इसके जिम्मेदारों का त्वरित कुछ नहीं होना चाहिए....लेकिन क्या होगा ......


बाबा...... मुझे तो आश्चर्य इस बात पर है कि सारा साधु संत समाज इस मसले पर चुपचाप क्यों रहा और अब तक चुप क्यों है....जबकि जिस हाथी रामू पर विराजित होकर मैं बरसों से नगर भृमण पर निकलता रहा और वो मेरी सेवा करते करते मोक्ष पा गया। अब उसका पुत्र श्यामू मेरी सेवा कर रहा है..... उस हाथी के पालक के साथ इतना बड़ा अन्याय होता रहा और अंत मे उस पवित्र आत्मा को देह त्यागनी पड़ी .... ऐसे में कोई साधुसंत समाज,कोई सामाजिक,हिंदूवादी संगठन उस व्रद्ध, विकलांग टाईगिरी बाबा की मदद के लिए आगे नहीं आया और उनके जाने के बाद भी मौन है ये आश्चर्य है घोर पाप है...... क़ायदे से तो उक्त सभी को उस बाबा के लिए एक होकर भृष्टाचारियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में पुरज़ोर तरीके से लग जाना चाहिए और मरणोपरांत ही सही टाईगिरी बाबा को न्याय मिलना ही चाहिए। 


मैं.... हाँ प्रभु आपकी बात तो सही है मगर करे कौन सब अपनी मस्ती में मस्त हैं....अपने अपने नीजिहित और स्वार्थ हैं सबके.......
बाबा..... बेटे जय तुम जिस परिवार(पत्रकारिता) से आते हो वो महर्षि नारद जी का है और मैं चाहता हूँ कि तुम अपने साथियों से इस मामले में टाईगिरी बाबा को न्याय दिलवाने का आह्वान मेरी तरफ(स्वयं बाबा महाकाल की तरफ) से करो.....इससे तुम्हारे साथियों को मेरा आशीष मिलेगा.....


मैं...... वैसे बाबा आप भी तो कुछ चमत्कार दिखाइए.......
ग प्रयास तो करो मैं भी कुछ चमत्कार अवश्य दिखाऊंगा.......
                                   क्रमशः ..
(इस वार्ता का अगला भाग जरूर पढ़िएगा ........)


चलिए अब मुझे आज्ञा दीजिए फिर हाज़िर होता हूँ इस वार्ता के अगले अंक में.....तब तक आप अपना जलवा क़ायम रखें....दुनिया जले तो जलने दें................................................


आप जल्वेदारों में से एक जल्वेदार.....
जय कौशल✍🧐🏹
उज्जैन (म.प्र.)
09827560667
07000249542