संत रविदास कथा के सातवें दिन मीराबाई को गुरुदीक्षा व सिंकदर लोधी का प्रसंग प्रस्तुत किया
उज्जैन। आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर में चल रही संत शिरोमणि रविदास जी की था के सातवें दिन कथा वाचक सागर आनंद जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया संत रविदास ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में भारत भ्रमण किया करके समाज को उत्थान की नयी दिशा दी। संत रविदास साम्प्रदायिकता पर भी चोट करते हैं। उनका मत है कि सारा मानव वंश एक ही प्राण तत्व से जीवंत है। वे सामाजिक समरसता के प्रतीक महान संत थे। वे मदिरापान तथा नशे आदि के भी घोर विरोधी थेे तथा इस पर उपदेश भी दिये हैं।
चित्तौड़ के राणा सांगा की पत्नी झाली रानी (मीराबाई) उनकी शिष्या बनीं वहीं चित्तौड़ में संत रविदास की छतरी बनी हुई है। मान्यता है कि वे वहीं से स्वर्गारोहण कर गये। समाज में सभी स्तर पर उन्हें सम्मान मिला। वे महान संत कबीर के गुरूभाई तथा मीराबाई के गुरु थे। श्री गुरुग्रंथ साहिब में उनके पदों का समायोजन किया गया है। आज के सामाजिक वातावरण में समरसता का संदेश देने के लिये संत रविदास का जीवन आज भी प्रेरक हैं। दूसरा प्रसंग सुनाते हुए महाराज जी ने बताया कि दिल्ली में उस समय सिकंदर लोदी का शासन था। उसने रविदास के विषय में काफी सुन रखा था। सिकंदर लोदी ने संत रविदास को मुसलमन बनाने के लिये दिल्ली बुलाया और उन्हें मुसलमान बनने के लिये बहुत सारे प्रलोभन दिये। संत रविदास ने काफी निर्भीक शब्दों में निंदा की।
सुल्तान सिकन्दर लोदी को जवाब देते हुए रविदासजी ने वैदिक हिन्दू धर्म को पवित्र गंगा के समान बताया। संत रविदास की बातों से चिढ़कर सिकंदर लोदी संत रविदास को जेल में डाल दिया। सिकंदर लोदी ने कहा कि यदि वे मुसलमान नहीं बनेंगे तो उन्हें कठोर दंड दिया जायेगा। जेल में भगवान ने उन्हें दर्शन दिये और कहा कि धर्मनिष्ठ सेवक ही आपकी रक्षा करेंगे। अगले दिन जब सुल्तान सिकंदर नमाज पढ़ने गया तो सामने रविदास को खड़ा पाया। उसे चारो दिशाओं में संत रविदास के ही दर्शन हुये। यह चमत्कार देखकर सिकंदर लोदी घबरा गया। लोदी ने तत्काल संत रविदास को रिहा कर दिया और माफी मांग ली।
अतिथियों में शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी, गोपाल यादव, कैलाश बिसेन, बीजेपी जिला अध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुण्डला, पूर्व अध्यक्ष इकबाल सिंह जी गांधी, भाजपा शहर अध्यक्ष विवेक जोशी, सुरेश गिरि, सत्यनारायण खेरवाल, गोपाल यादव, रामसिंह सोलंकी, नरेन्द्र कछवाय उपस्थित थे। श्री रविदास कथा में पधारे अतिथियों का आयोजक समिति ने साफा बांधकर स्वागत किया। कथा का संचालन जगदीश बेगाना ने किया। आज 19 फरवरी को कार्यक्रम में हवन यज्ञ का समय 10:00 बजे सुबह निर्धारित किया गया है। महाआरती में क्षेत्रीय सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक तराना महेश परमार उपस्थित रहेंगे। पश्चात गुरु महाराज श्री सागर आनंद जी प्रवचन कर भजन आरती करेंगे। भजन आरती के पश्चात महाप्रसादी भंडारे का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी मीडिया प्रभारी राम चौहान ने दी।
संत रविदास साम्प्रदायिकता पर भी चोट करते हैं- आनंद महाराज